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देश में क्रिकेट में सट्टा लगाना होगा वैध, जल्द ही सट्टेबाजी को मिलेगी कानूनी वैधता
नई दिल्ली : भारत में क्रिकेट में सट्टेबाजी को अपराध माना गया है जबकि दुनिया में कई ऐसे देश है जहां इसे कानूनी वैधता मिली हुई है। लेकिन अब भारत में भी सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने पर विचार हो रहा है। इस सिलसिले में विधि आयोग ने सभी राज्य क्रिकेट संघों को सट्टेबाजी को कानूनी रूप से वैध करने के लिए बाकायदा पत्र लिखकर सुझाव मांगे हैं।
दरअशल सट्टेबाजी भारत में बहुत ही विवादित मुद्दा रहा है। देश में क्रिकेट को लेकर हमेशा से ही एक अलग ही जुनून रहा है और ऐसे में बीसीसीआई और सरकार हमेशा मैचों के दौरान ऐसी गतिविधियों से परेशान रहते हैं। IPL के दौरान भी सट्टेबाजी की गतिविधियां आम रहती हैं।
इस सिलसिले को लेकर भारतीय विधि आयोग के सचिव संजय सिंह ने राज्य क्रिकेट संघों को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने सट्टेबाज़ी को कानूनी रूप देने के लिए संभावनाएं तलाशने के लिए कहा है। जिसको लेकर विधि आयोग क्रिकेट से जुड़े सभी पक्षों से इस बारे में बात कर उनसे सुझाव मांग रहा है। हमारा मानना है कि राज्य संघों के सट्टेबाजी को लेकर सुझाव अहम है। साथ ही सट्टेबाजी और जुआ के मद्देनजर आयोग ने निर्णय किया है कि वह दोनों को कानूनी रूप देने की संभावनाओं पर विचार करे।'
विधि आयोग ने इस पत्र में सभी राज्य क्रिकेट संघों से जल्द ही अपने सुझाव देने को कहा है जिससे विधि आयोग जल्द ही इस मामले पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके। गौरतलब है दुनिया भर में सट्टेबाजी का बाजार लगभग 40 अरब डॉलर ( करीब 255,760 करोड़ रुपये का है।
बता दें भारत में क्रिकेट में सट्टेबाजी अवैध होने के बावजूद भी भारत के किसी भी फॉर्मेट के क्रिकेट मैचों में करोड़ों रुपए का सट्टा लगता है। जिसको लेकर सरकार और BCCI दोनों ही परेशान रहती है। सरकार को ये बातें मालुम होने के बाबजूद भी देश में सट्टेबाज़ी चलती रहती है। इसके मद्देनजर सरकार इसे लीगल बनाना चाहती है। ऐसा माना जा रहा है कि देश में सट्टेबाजी को कानूनी वैधता अगर मिल जाती है तो सरकार इसपर टैक्स लगाकर फायदा ले सकती है।