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पहली बार मायावती का गला सूखा, जानते हो क्यों?

पहली बार मायावती का गला सूखा, जानते हो क्यों?
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चन्दन श्रीवास्तव

जब से राजनीति को समझने लायक हुआ हूं, पहली बार देखा है, मायावती को बैक फुट पर आकर बयान देते। जब उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व घुस गए थे तो साफ लग रहा था कि उनका गला सूखा हुआ है। जानते हैं क्यों? क्योंकि उनका सामना दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह से नहीं है। उनका सामना है एक बेटी की मां स्वाति सिंह से।



शब्दों का बड़ा खेल होता है। शब्दों ने दयाशंकर को खलनायक बना दिया तो स्वाति सिंह को हीरो। मायावती की तरह यह लड़ाई स्वाति सिंह ने चुनी नहीं थी, उन्हें मजबूरन इस लड़ाई में उतरना पड़ा। उन्होंने मां की भावना के साथ बात की। एक बार भी दयाशंकर का बचाव नहीं किया। बल्कि बार-बार अपने पति का नाम यूं लेती रहीं (पति का नाम लेना पूरब के बड़े से बड़े माडर्न परिवार में भी नहीं दिखता) जैसे वह मान रही हों कि हां दयाशंकर ने अपराध किया है।



बसपा ने पचास से अधिक ठाकुरों और 80-90 के करीब ब्राह्मणों को टिकट दिया है। लेकिन स्वाति के वक्तव्य उन्हें नहीं झकझोर सके। भले मायावती जैसी आयरन लेडी बैक फुट पर आ गई। मौका मिले तो अपनी-अपनी जात के इन नेताओं से पूछिएगा कि वे इतने लालची क्यों हैं? सोचिएगा कितनी घटिया है सत्ता के करीब रहने की उनकी लालच।
वैसे एक बात पूछूं? आप जब वोट देने जाएंगे तो आपके दिमाग में क्या होगा? प्रत्याशी की जात या पार्टी की विचारधारा?

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