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मुस्लिम पत्रकार ने 'जय श्री राम कहकर बचाई अपने साथ पूरे परिवार की जान'

Special Coverage News
2 July 2017 5:37 PM IST
मुस्लिम पत्रकार ने जय श्री राम कहकर बचाई अपने साथ पूरे परिवार की जान
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Image credit: Facebook/Munne Bharti
एनडीटीवी न्यूज चैनल में कार्यरत एम. अतहरउद्दीन मुन्ने भारती व उनके परिवार वालों को अपनी जान बचाने के लिए जय श्री राम के नारे लगाने पड़े।
नई दिल्ली : देश भर में कथित भीड़ द्वारा आए दिन रोज हमले के मामले सामने आ रहे हैं। जिसके लिए प्रधानमंत्री व महामहिम राष्ट्रपति खुद चिंता जाहिर चुके हैं। राष्ट्रपति ने कल एक कार्यक्रम में कहा था, 'जब हम अखबार में पढ़ते हैं या टीवी पर देखते हैं कि एक आदमी को भीड़ ने पीट दिया है क्योंकि कथित रूप से उसने कानून तोड़ा है। जब भीड़ का पागलपन इस हद तक बढ़ जाये कि उसे रोका ही न जा सके हमें रुक कर सोचना होगा कि क्या हम अपने देश के मूल्यों के प्रति जागरुक हैं।'

ऐसा ही एक वाक्या सामने आया है। जहां एक मुस्लिम पत्रकार और उसके परिवार को "जय श्री राम" कहने को मजबूर किया गया। एनडीटीवी न्यूज चैनल में कार्यरत एम. अतहरउद्दीन मुन्ने भारती व उनके परिवार वालों को अपनी जान बचाने के लिए जय श्री राम के नारे लगाने पड़े। इस बारे में उन्होंने सोशल मीडिया पर पूरी घटना का जिक्र किया और बाद में बीबीसी ने खुद मुन्ने भारती के जुबां के रूप में प्रकाशित किया।

उन्होंने लिखा, 28 जून 2017 में बिहार सफर के दौरान समसतीपुर नेशनल हाइवे के मारगन चौक पर बजरंग दल के लोगों ने ट्रक को रास्ते में रोककर रास्ता जाम कर रखा था। मैं अपने पूरे परिवार के साथ समस्तीपुर जिले के रहीमाबाद गांव के लिए निकला था।

मुन्ने के साथ कार में उनके 91 वर्षीय बूढ़े पिता, 85 वर्षीय मां, पत्नी और दो बच्चे थे। घटना को बताते हुए उन्होंने लिखा, मैं मुजफ्फरपुर नेशनल हाइवे 28 के टोल टैक्स बैरियर से लगभग एक किलोमीटर दूर मारगन चौक का रास्ता जाम था। एक तरफ ट्रक सहित अन्य वाहन क़तार में थे, मैं दूसरी तरफ ख़ाली जगह से अपनी कार लेकर बढ़ रहा था, मैंने देखा कि बीच रोड पर एक बड़ा ट्रक खड़ा कर किया गया है।

'जय श्री राम बोलो वरना गाड़ी फूंक देंगे'
अचानक एक नवयुवक ने आगे बढ़कर कार को गौर से देखा, मैंने उससे पूछा रास्ता क्यों जाम है। ऐसा पूछते ही उसने कहा जल्दी निकलो वरना आपकी गाड़ी फूंक देंगे। मैंने पूछा कौन लोग हैं, जवाब मिला बजरंग दल के लोग हैं, मैं दहशत में गाड़ी मोड़ने की कोशिश कर ही रहा था कि केसरिया गमछा पहने चार-पांच लाठी से लैस लोग कार की तरफ बढ़े।

उन लोगों ने कार के अंदर बैठी मेरे मां, बाप के साथ पत्नी पर नज़र डाली, चूंकि मेरे पिता जी दाढ़ी रखे हुए हैं और पत्नी नक़ाब पहनती है को देखते हुए नारेबाज़ी तेज़ हो गई, जब तक समझ पाता दो लोगों ने कार के शीशे के अंदर सर घुसाकर कहा, 'बोलो जय श्री राम वरना कार फूंक देंगे, मैं दहशत में आ गया।

वैसे मै सभी मज़हबों का बहुत सम्मान करता हूं, मैं दिल से राम जी का सम्मान भी करता हूं। उनकी जय करने में मुझे कोई ऐतराज़ भी नहीं होता, लेकिन जिस दहशत में वह मुझसे जय श्री राम कहलाना चाहते थे मुझे अच्छा नहीं लगा। हालांकि मुझे जय श्री राम कहकर अपने परिवार को बचाकर वापस भागकर जान बचानी पड़ी।

इसके बाद मुन्ने ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग करते हुए ट्वीट किया। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार और राजद विधायक अखतरूल इस्लाम शाहीन को फोन करके मामले की जानकारी दी।

मुन्ने आगे लिखते हैं, 'मैंने अनुरोध किया कि इस मामले में तत्काल रूप से पुलिस मुस्तैदी के साथ सक्रिय करें ताकि किसी के साथ कोई अप्रिय घटना न घटे, किसी को नुक़सान ना हो, चूंकि मेरा ये सफ़र मां को उनके बीमार भाई यानी मामा से मिलवाने के लिए था, लिहाजा मैं बैरियर के पास से दूसरे रास्ते से ननिहाल के लिए निकल पड़ा। '

पिछले कुछ दिनों से देश में भीड़ द्वारा हमले के कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में देश के अलग-अलग कोनों में इसके विरोध पर 'नॉट इन माय नेम' नाम से मुहिम भी चलाई गई। जहां देश में पिछले दिनों देश में हुई भीड़ द्वारा अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों का विरोध किया गया।
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