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शराबबंदी पर भाजपा का संशोधन प्रस्ताव खारिज, नीतीश बोले- नष्ट हो जाऊं, दुनिया से चला जाऊं पर सख्ती में रियायत नहीं

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर जवाब देते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी करने का मतलब 'मधुमख्खी के छत्ते में हाथ डालना' है और इसमें कुछ भी हो सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि शराबबंदी के मसले पर वो अडिग हैं और किसी भी हाल में बिहार को नशामुक्त राज्य बनाकर ही दम लेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने जो काम किया है, उससे मेरे दुश्मन बहुत से लोग हो गये हैं। हो सकता है, मुझे नष्ट कर देंगे। मैं नष्ट हो जाऊं, बरबाद हो जाऊं, इस दुनिया से चला जाऊं, लेकिन इस सख्ती में कोई रियायत नहीं दी जायेगी। इस कानून को सख्ती से लागू किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर शराब की लत छूट नहीं रही, तो चले जाओ, कहीं और चले जाओ, यहां कोई गुंजाइश नहीं है।
वही तीन घंटे लंबी चर्चा पर सरकार के जवाब से नाखुश विपक्ष के बहिर्गमन के बीच पूर्णशराबबंदी को लेकर पेश 'बिहार मद्य निषेध और उत्पाद विधेयक 2016' को सोमवार को ध्वनि मत से पारित कर दिया।
भाजपा राज्य सरकार के इस कड़े कानून को 'तालीबानी' बताते हुए इसे उसके वर्तमान स्वरूप में नहीं पेश किए जाने का आग्रह किया, जिसमें किसी घर से शराब की बोतल बरामद होने पर उस परिवार के सभी व्यस्क सदस्यों की गिरफ्तारी का प्रावधान है।
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