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न केंद्र में न राज्य में, जांच एजेंसियां भी है पीछे, अब क्या करेंगे लालू और तेजस्वी

न केंद्र में न राज्य में, जांच एजेंसियां भी है पीछे, अब क्या करेंगे लालू और तेजस्वी
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पटना : बिहार की राजनीती में हमेशा से किंगमेकर की भूमिका में नजर आने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से अर्श से गिरकर फर्श पर आ गए है। वर्ष 2005 के बाद जब 2015 में वह नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन बनाकर सत्ता में लौटे थे तो कहा जा रहा था लालू की एक बार फिर बिहार की राजनीति में वापसी हो गई है।

लेकिन सुशील माेदी के लगातार खुलासे और बेटे तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने एक बार फिर बिहार की सत्ता में वापस लौटे लालू यादव को सत्ता से दूर कर दिया। अब लालू यादव न तो केंद्र में है और न ही किसी राज्य की सत्ता में हैं।

देखा जाए तो इस वक़्त लालू यादव का हाल बीएसपी सुप्रीमो मायावती जैसा हो गया है। जिनके पीछे भी लालू की तरह ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुरक्षा एजेंसियां पड़ी हुई थी। मायावती भी अब न ताे किसी राज्य सरकार में हैं और उन्होंने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया हैं।

पिछले कुछ समय से लालू का जैसे बुरा समय शुरू हो गया है, CBI और ED की ओर से लगातार लालू यादव और उनके परिवार को घेरा गया। बेनामी संपत्ति का मामला हो, भ्रष्टाचार का मामला हो या फिर चारा घोटाला हो। लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार के लोग इस समय चारों तरफ से घिरे हुए है। वहीं अब बिहार की सत्ता भी हाथ से चली गई है, बेटे तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण नीतीश कुमार ने महागठबंधन को तोड़ दिया और उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

बिहार में इतनी जल्दी सत्ता पलट जाएगी, इसका अनुमान शायद किसी काे भी नहीं था। सिर्फ 15 घंटे में बिहार की राजनीती में जैसे भूचाल जैसे आ गया। और अब बिहार में बीजेपी और जदयू की सरकार है। नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और सुशील कुमार मोदी ने उप मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है।

बता दें अभी कुछ दिन पहले जब मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया था, तो लालू ने मायवती काे अॉफर दिया था कि अगर वह चाहे ताे बिहार से राज्यसभा में फिर से जा सकती हैं। लेकिन अब खुद लालू सत्ता से दूर हो गए है। इसलिए राजनीति में कब, किस पल क्या हाे जाए, काेई नहीं जानता। अब देखना ये होगा की लालू का अगला कदम क्या होता है।

वैसे आज लालू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नीतीश कुमार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया की ये सब पहले से सेट था। उन्होंने कहा तेजस्वी तो सिर्फ एक बहाना था, नीतीश कुमार को तो बीजेपी की गोदी में जाना था। नीतीश के कहने पर ही हमारे खिलाफ केस दर्ज हुआ। सुशील मोदी को कहा गया कि आप रोज प्रेस कान्फ्रेंस करो। सब पहले से फिक्स था।

उन्होंने नीतीश पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार पर मर्डर का केस है। 16 नवंबर 1991 को सीताराम सिंह की हत्या हुई थी। मेरे छोटे भाई इस मामले में मुदालय हैं। लालू ने कहा कि नीतीश ने सीताराम सिंह की हत्या की। लालू ने कहा कि नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी कभी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़े। अगर लड़ते तो भाव पता चल जाता।

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