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नीतीश कुमार की इस चुनौती से शरद यादव के उड़े होश!

Arun Mishra
20 Aug 2017 10:15 AM IST
नीतीश कुमार की इस चुनौती से शरद यादव के उड़े होश!
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नीतीश ने अपने भाषण में शरद यादव के साझा विरासत कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि 'साझा विरासत' केवल परिवारवाद के लिए है..

पटना : जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय परिषद के खुले अधिवेशन में नीतीश कुमार ने कहा कि किसी के पास पार्टी को तोड़ने की ताकत है? इसके लिए विधायक, एमएलसी, सांसद सब से दो तिहाई तोड़ना पडे़गा, वरना सदस्यता ही चली जाएगी। उन्होंने शरद यादव को चुनौती दी कि अगर उनके पास समर्थन है, तो पार्टी तोड़कर दिखाएं।

नीतीश ने अपने भाषण में शरद यादव के साझा विरासत कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि 'साझा विरासत' केवल परिवारवाद के लिए है। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें शरद यादव के बारे में कुछ नहीं कहना है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि पार्टी के 71 विधायक, दो सांसद, नौ में सात राज्यसभा के सांसद और 30 एमएलसी हमारे साथ हैं।

नीतीश ने कहा कि शरदजी अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शरद जी कहते थे कि लोकतंत्र लोकलाज से चलता है, लेकिन क्या अब वह यह भूल गए हैं? उन्होंने कहा कि समता पार्टी का विलय साल 2003 में जनता दल यू में कराकर शरद यादव को अध्यक्ष बनाया गया, जबकि समता पार्टी के उस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष जार्ज फर्नाडिस थे। उन्होंने यह भी कहा कि साल 2004 में ये मधेपुरा से चुनाव हार गए थे। फिर उन्हें राज्यसभा भेजा गया।

नीतीश ने कहा कि उनके लिए क्या नहीं किया। इतने सालों तक जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहे। नीतीश कुमार ने शरद पर वार करते हुए कहा कि हमसे पूछा जाता है कि जनादेश महागठबंधन को मिला था। उन्होंने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि किसलिए महागठबंधन को मैंडेट मिला। बिहार का विकास करने के लिए या एक परिवार की खुशहाली के लिएय मैंडेट के हम भी हकदार है।

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बारे में यह भी कहा जा रहा है कि हमारा कोई जनाधार नहीं है, जबकि जनता दल यू का अपना जनाधार है। जिसके साथ जेडीयू होता है, वही चुनाव में जीतता है।

नीतीश ने लालू यादव का नाम लिए बिना कहा कि आप खुद को मालिक समझकर उनको देखते हैं। नीतीश ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद अपने फैसलों की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के हित में कई निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, हम लोगों की धार्मिक भावना की कद्र करते हैं, कोई भेदभाव नहीं करते।

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