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पटना: बिहार में गठबंधन पर गहराए संकट के बादल, सोनिया गांधी से नहीं मिलेंगे नीतीश कुमार
बिहार के नीतीश कुमार सरकार का भविष्य अब इस बात पर निर्भर करता है कि CBI द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को झेल रहे उनके उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव साफ-साफ दिए गए संकेतों को समझकर पद छोड़ते हैं या नहीं।

पटना: बिहार के CM नीतीश कुमार सरकार का भविष्य अब इस बात पर निर्भर करता है कि CBI द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को झेल रहे उनके उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव साफ-साफ दिए गए संकेतों को समझकर पद छोड़ते हैं या नहीं। आज सभी राजनैतिक पार्टियों का सारा ध्यान इस बात पर है कि सभी सांसद और विधायक अपने ही गुट के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के पक्ष में वोट करें, और सूत्रों के मुताबिक, उसके बाद कांग्रेस इस पर विचार करेगी कि तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार द्वारा हटाया जा सकता है, या 'गठबंधन धर्म' को समझते हुए तेजस्वी स्वयं ही पद छोड़ दें।
बता दे कि बिहार की सरकार तीन पार्टियों द्वारा चलाई जा रही है। तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पास राज्य में सबसे ज़्यादा 80 विधायक हैं, उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) का नंबर आता है, और कांग्रेस यहां सबसे छोटी साझीदार है, लेकिन उसी की प्रमुख सोनिया गांधी से लगभग 10 दिन पुराने हो चुके गतिरोध में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री इस बात से नाराज़ हैं कि तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के मामले पर विचार-विमर्श करने के लिए उनसे मुलाकात की कोशिश तक नहीं की, जबकि कांग्रेस का मानना है कि दोनों ही पक्ष तेजस्वी और नीतीश अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं।
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