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लालू की फुलवरिया बाढ़ की चपेट में, लालू ले रहे है बारिश का मजा

लालू की फुलवरिया बाढ़ की चपेट में, लालू ले रहे है बारिश का मजा
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चंदन श्रीवास्तव लालू प्रसाद यादव का गांव गोपालगंज का फुलवरिया बाढ़ की चपेट में है। कच्चे मकान बहते जा रहे हैं और लालू जी कहते हैं, 'बाढ़ के पानी से शरीर को नमी मिलती है जिससे शरीर में होने वाली बीमारी दूर भाग जाती है। व्यापारी लोग नहीं चाहते कि बारिश हो, क्योंकि बारिश नहीं होने से मंहगाई बढ़ती है और उससे व्यापारियों को फायदा होता है।' आज ही यह खबर पढने को मिली कि गोपालगंज के सदर प्रखंड के एक सरकारी विद्यालय में बाढ पीड़ितों के लिए शरणस्थली बनाई गई है। लेकिन उन्हें खाना नहीं मिल रहा।



यह है लालू नाम के चिराग और उसके तले अंधेरे का हाल। कुछ और चिरागों पर गौर फरमाईये-


अमेठी के पचासों गांव बाढ के चपेट में हैं। राहुल गांधी शायद मानते होंगे कि बाढ एक 'स्टेट ऑफ माइंड' है। इसीलिए सैकड़ों बेघर हो रहे लोगों की सुध लेने या मदद करने का वह समय नहीं निकाल सके हैं। याद दिला दूं कि लोकसभा चुनाव के दौरान 29 गांव के लोगों ने मतदान के बहिष्कार का एलान किया था। ये सभी गांव बाढ से हमेशा पीड़ित रहने वाले इलाके हैं। अमेठी हमेशा गांधी परिवार का वफादार रहा है। वफादारी की कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी।


मायावती के गांव ग्रेटर नोएडा के बादलपुर में हालांकि बाढ की समस्या नहीं है। लेकिन यहां के लोगों से उनकी जमीनें छीन ली गईं हैं। वह भी मायावती के शासनकाल में ही। अभी वे सभी किसान अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। इस गांव के किसानों के 230 हेक्टेयर जमीन पर मायावती सरकार ने कब्जा करा लिया था।


मुलायम सिंह यादव का मैनपुरी। अभी आज ही की खबर है कि सैफई से महज 30 किलोमीटर दूर मैनपुरी के एक दलित दम्पति को 15/- के कर्ज के लिए कुल्हाड़ी से काट दिया गया। मैनपुरी से मुलायम सिंह पांच बार सांसद रहे हैं। इस बार उनके भाई के सुपुत्र और लालू यादव के दामाद तेज प्रताप सिंह यादव सांसद हैं। यहां की हालत उपरोक्त घटना से ही पता चलती है। आज भी मैनपुरी के दलित और गरीब लोग पांच रुपये में दिन भर का गुजारा करने को अभिशप्त हैं। उस दलित परिवार के पास पांच रुपये ही थे, जिससे वे बिस्किट खाना चाहते थे। ये हैं वे नेता जो दलितों-पिछड़ों का उद्धार करते रहे हैं जिसकी बानगी इनके-इनके गांव-क्षेत्र में देखी जा सकती है।


मोदी के वाडनगर के बारे में मैं कुछ नहीं कहुंगा। वाडनगर का नाम गूगल पर डालिए और खुद पढिये कि क्या अंतर है, उपरोक्त क्षेत्रों और वाडनगर में।

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