
क्या लालू के प्रोजेक्ट 2019 से घबराई बीजेपी? छापा तो पड़ना ही था.

राष्ट्रीय जनता दल मुखिया लालू प्रसाद यादव के पुरे परिवार पर इस समय सबसे तीखी नजर सीबीआई और ईडी समेत कई विभागों की है. लेकिन एक बात समझ में नहीं आ रही है कि जैसे ही लालू प्रसाद यादव ने अपनी रैली में अखिलेश यादव और मायावती को बुलाने की बात की और उनके सभी ठिकानों पर रेड पड़ना शुरू. क्या ये सयोंग नहीं है?
"साथ आएँगे माया-अखिलेश, हवा में उड़ जाएंगे जुमलेश," लालू यादव के इसी प्रोजेक्ट 2019 से बीजेपी में खलबली है. छापा तो पड़ना ही था.
एक बात आपको बताएं जिससे लगता है कि बीजेपी चुनाव 2019 में अपने को कमजोर नहीं देखना चाहती है. लेकिन जो रणनीति लालूप्रसाद यादव ने अपनाई है उससे बीजेपी को हैरानी जरुर हो रही है. कारण बिहार में राजद और जदयू कांग्रेस का वोट मिलाकर जब 54 प्रतिशत हो गया था तो बिहार में सब के परखच्चे उड़ गए. जिससे बीजेपी के धुरंधर थिंकर भी फेल हो गये. अब चूँकि बिहार और यूपी से 120 सांसद चुने जाते है. अभी मौजूदा स्तिथि में 73 यूपी से और बिहार से 30 सांसद है. कुल मिलाकर 113 सांसद इन दो सूबों से है.
अब यदि अखिलेश, मायावती और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ते है तो यूपी में भी 53 प्रतिशत मत से चुनाव शुरू होगा. जो कि बीजेपी के लिए नुकसानदायक नहीं घातक होगा. इस सबसे बेखबर सभी दल है लेकिन बीजेपी अंदर ही अंदर हिल चुकी है. इसलिए लगातार लालूप्रसाद और मायावती पर शिकंजा कसा जा रहा है. अगर यह सभी मिलकर चुनाव लड़ते है तो लोकसभा 2019 के परिणाम कुछ भी हो सकते है.
क्या इन हालातों से घबराई बीजेपी लालू के पीछे तो नहीं पड़ी है. आपको बता दें कि 2012 में कांग्रेस भी इसी तरह की हरकतें कर रही थी जिसका परिणाम आपके सामने है. धीरे धीरे लालू का नाम पर यह लड़ाई बीसी बनाम बीजेपी बन जायेगी जो कि बीजेपी को काफी नुक्सानदायक होगी. लालू को जितना ज्यादा टार्चर किया जाएगा उतना ही लालू अपनी जातीय वोटों में लोकप्रिय होते जायेंगे और चुनाव में लोग उनके पीछे बिहार की तरह भाग लेंगे.
अगर इस तरह की हरकत में कोई पार्टी किसी भी विरोधी को फंसाती है तो उसी पार्टी का नुकसान होता है. हां कुछ समय के लिए तो परेशानी आती है. हालांकि जिस ताकत से लालू प्रसाद आज भी जबाब दे रहे है उससे सभी हैरान भी है. लेकिन अब धीरे धीरे सभी उनके समर्थन में आते जा रहे है, जिससे अब बीजेपी खुद ही अपने लिए एक मजबूत विपक्ष तैयार कर रही है.