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न्याय के लिए तरस रहे हैं भजनपुर के मुसलमान!

न्याय के लिए तरस रहे हैं भजनपुर के मुसलमान!
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मुसलमान को क्यों नहीं मिलता न्याय?

आज ही के दिन 3 जून 2011 को अररिया जिले के फारबिसगंज मुस्लिम बहुल आबादी वाले भजनपुर गांव में पुलिस ने ज़ुल्म और बर्बरता की साड़ी सीमाएं लांघ दी थी। पुलिस फायरिंग में तीन मासूम अंसारी बिरादरी के गरीब लोग मौत के घाट उतार दिए गए थे।

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पुलिस जवान ने हमीद अंसारी नामक 22 वर्षीय युवा अपने बूटों से रौंद रौंद कर मार डाला था। इस पूरे घटना की खबर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा लोगों तक जब पहुंची तो बिहार पुलिस की इस अमानवीय व्यवहार पर न केवल भारत बल्कि विदेशों के लोगों ने भी खेद व्यक्त किया था।

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इस पूरे ह्रदय विदारक घटना पर मैं ने एक किताब लिखी थी। '' फारबिस गंज का सच '' नामक से ये पुस्तक हिंदी उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक ने बहुत ही अल्प अवधि में रिकार्ड स्थापित किया था और लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया। खेद का विषय है कि 6 साल का समय बीत जाने के बाद भी फारबिसगंज के पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिला है और दोषी आज भी आज़ाद घूम रहे हैं।


अशरफ अस्थानवी वरिष्ठ पत्रकार

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