
बिहार में सुशासन और ईमानदार सरकार का एक और नया कारनामा

नवीन शर्मा
950 करोड़ से अधिक के चारा घोटाले से जुडी हुई बहुत सारी महत्वपूर्ण फाइलें पटना के विकास भवन में पहली मंजिल पर स्थित पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग से बड़ी संख्या चोरी हो गईं। ये सभी फाइलें वहाँ रखी हुई तीन अलमारियों के ताले तोड़ कर चुराई गयी हैं।
वास्तिवकता तो यह हैं कि इन सभी फाइलों की चोरी 25-26 की रात्रि में हुई हैं मगर विभागीय खोजबीन के नाम पर 21 दिन के बाद ही फाइल चोरी हो जाने की एफआईआर दर्ज कराई गयी। यदि फाइलों की चोरी की घटना के होने और उसके बाद हुई गतिविधियों पर गौर किया जाये तो सहज ही इस बात का अनुमान लगाया जा सकता हैं कि बिहार सरकार कितनी ईमानदारी और गम्भीरता के साथ काम कर रही हैं। बताया जाता हैं कि इन सभी फाइलों में ढाई दसक पूर्व बिहार के बहु चर्चित चारा घोटले से सम्बंधित अनेक साक्ष्य मौजूद हैं जिनमे कुछ राजनेताओं की संलिप्तता के सबूतों के आलावा इस घोटाले में शामिल कई पशु चिकित्सकों व अराजपत्रित कर्मियों के विरुद्ध चल रही विभागीय व न्यायिक कार्रवाइयों से जुड़े कागजात का होना भी बताया जा रहा हैं।
सूत्रों का कहना हैं कि विभागीय स्तर पर फाइलों को तलाशने का प्रयास किया गया लेकिन जब कोई सफलता नहीं मिली तो 30 अप्रैल को ही एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया था। मगर कोई भी अधिकारी इस बात पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी करने या बयान देने से बच रहा हैं कि जब 30 अप्रैल को प्राथिमिकी दर्ज करने के आदेश दे दिए गए थे तो सोलह दिन बाद ही प्राथिमिकी क्यों दर्ज हुई । इस विषय पर सचिवालय थाना प्रभारी अमरेन्द्र झा ने कहा कि जाँच अधिकारी इस मामले की जाँच करके अपनी रिपोर्ट देगा तभी कुछ कहा जा सकता हैं।




