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पाकिस्तान के चार टुकड़े हो सकते हैं

डा. राधेश्याम द्विवेदी
हर प्रांत में लग रहे हैं आजादी के नारे:-पाकिस्तान में पख्तून, बलूच, सिंध, बाल्टिस्तान, गिलगिट, मुजफ्फराबाद से आजादी की मांगें उठती हैं, सात स्वतंत्रता आंदोलन हैं जो आपसे अलग होना चाहते हैं। विफल राष्ट्र के रूप में दुनिया भर में कुख्यात पाकिस्तान के तकरीबन हर हिस्से में आजादी की मांग उठने लगी है। आतंकी हमले हो रहे हैं और चुनी हुई सरकार सेना के सामने लाचार नजर आने लगी है।
पाक अधिकृत कश्मीर में कश्मीरियों पर पाकिस्तान कैसे जुल्म ढाता है, ये सारी दुनिया जानती है, लेकिन सच ये है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को छोड़ दें तो उसके लगभग सभी सूबों में चल रहा है आजादी के लिए संघर्ष। विफल राष्ट्र के रूप में दुनिया भर में कुख्यात पाकिस्तान के तकरीबन हर हिस्से में आजादी की मांग उठने लगी है। आतंकी हमले हो रहे हैं और चुनी हुई सरकार सेना के सामने लाचार नजर आने लगी है। पाक अधिकृत कश्मीर में कश्मीरियों पर पाकिस्तान कैसे जुल्म ढाता है, ये सारी दुनिया जानती है, लेकिन सच ये है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को छोड़ दें तो उसके लगभग सभी सूबों में चल रहा है आजादी के लिए संघर्ष।सिंध प्रांत में पाकिस्तान से आजाद होने के लिए नारे लग रहे हैं। पिछले दिनों यहां जिये सिंध कौमी महाज यानी (JSQM) ने फ्रीडम मार्च आयोजित किया था।
आयोजकों का दावा था कि पाकिस्तान का 70 फीसदी टैक्स सिंध से आता है। सिंध में पाकिस्तान के प्राकृतिक गैस का 69 फीसदी उत्पादन होता है। पाकिस्तान के 75 फीसदी कच्चे तेल का उत्पादन सिंध करता है फिर भी सिंध पाकिस्तान के सबसे पिछड़े सूबों में से एक है। दरअसल, पाकिस्तान की ये रणनीति रही है कि सिंध जैसे सूबों को जितना लूटा जा सकता है, वो उतना उन्हें लूटता है लेकिन कल्याणकारी योजनाओं और विकास के मामले में ऐसे इलाकों को हमेशा पिछड़ा रखा जाता है, इसीलिए अब बलूचिस्तान के बाद सिंध में भी पाकिस्तान से अलग होने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। बंटवारे से पहले जब पाकिस्तान का विचार आया था तब सिंध के लोगों ने 1940 में खुद ही पाकिस्तान में शामिल होने की हामी भरी थी लेकिन छह दशक में जिस तरह से पाकिस्तान ने उन पर दमन किया है, उसके बाद अब वो पाकिस्तान से अलग हो जाना चाहते हैं।
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