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7000 करोड़ का खर्च सुनकर गंगा मैया बेहोश, NGT ने लगाई मोदी सरकार को लताड़!

7000 करोड़ का खर्च सुनकर गंगा मैया बेहोश, NGT ने लगाई मोदी सरकार को लताड़!
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार ने गंगा नदी की साफ-सफाई पर पिछले दो साल में 7,000 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। बावजूद इसके यह गंभीर पर्यावरणीय मुद्दा बना हुआ है। एनजीटी ने कहा कि केंद्र सरकार, यूपी सरकार और राज्य के स्थानीय निकायों ने मार्च-2017 तक 7304.64 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन नदी की हालत में सुधार नहीं हुआ।
फैसले में एनजीटी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दो साल के भीतर सीवेज शोधन संयंत्र लगवाने और नालों की सफाई करने सहित विभिन्न परियोजनाएं पूरी करें। एनजीटी ने कहा है कि फैसले में जिन परियोजनाओं का जिक्र किया गया है उन्हें अंतिम रूप नेशनल क्लीन गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा दिया जाएगा।
पीठ ने कहा है कि प्राथमिक तौर पर यह जल संसाधन मंत्रलय और एनएमसीजी की जिम्मेदारी होगी कि वे उपलब्ध धनराशि से इन परियोजनाओं को अंतिम रूप दें। अधिकरण ने जल संसाधन मंत्रलय के सचिव की अध्यक्षता में एक सलाहकार समिति का भी गठन किया, जिसमें आईआईटी के प्रोफेसर और यूपी सरकार के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा गंगा को नया जीवन देने और उसे स्वच्छ बनाने के लिए शुरू की गई 'नमामि गंगे' परियोजना के बाद नदी की गंदगी में कमी आई है। इस प्रोजेक्ट के बाद लोग जागरुक हुए और गंगा में गंदगी डालना बंद कर दिया है। वर्ष 2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद गंगा की सफाई के लिए बड़े कदम उठाए गए थे। इसके तहत नए मंत्रलय का गठन के साथ 'नमामि गंगे' परियोजना शुरू की गई।
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