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मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाना एक मदारी के बस की बात नही - इशरत खान

मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाना एक मदारी के बस की बात नही - इशरत खान
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Issuing justice to Muslim women is not just a matter of a madarah

तीन तलाक के प्रकरण को देश के प्रधानमन्त्री ने जब से शुरू किया है. देश में हंगामा बरप रहा है. रोज कोई न कोई पीएम को अपशब्दों की झड़ी लगा देता है. अब सोशल मिडिया पर भी मुस्लिम महिलाओं ने लिखना शुरू कर दिया.


मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाना एक मदारी के बस की बात नही अभी ताजा-ताजा बयान आया हैतीन तलाक पर राजनीति ना हो मुस्लिम महिलाओं के हक की लड़ाई एक मदारी लड़ेगातो दिलाओ हक तीन करोड़ से ज्यादा महिलाएं विधवा हैं इसमें अधिकतर विधवा वह हैं जिनके पतियों को दंगे में मार दिया गया क्या उनसे नजरें मिलाने की हिम्मत है ?


सुप्रीम कोर्ट ने फटकार भी लगाया कि विधवाओं पर ध्यान क्यों नही दिया जा रहा है इसके बावजूद उनके हक की लड़ाई क्यों नही लड़ते मोदी ? दिलाओ इंसाफ जकिया जाफरी इंसाफ के लिए आज भी लड़ रही हैं. दिलाओ इंसाफ नजीब की माँ इंसाफ के लिए आज भी भटक रही हैं. कथनी और करनी में फर्क है मोदी दम है तो दिलाइए इंसाफ.


शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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