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केजरीवाल की सबसे बड़ी मुश्किल एक और बढ़ी, साढू की संदिग्ध मौत पर FIR!

केजरीवाल की सबसे बड़ी मुश्किल एक और बढ़ी, साढू की संदिग्ध मौत पर FIR!
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केजरीवाल पर बढती परेशानियाँ घटने का नाम नहीं ले रही है.
पीडब्ल्यूडी घोटाले में शामिल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल की मौत को संदेहास्पद बताकर इस मामले की जांच को लेकर एक शिकायत आईपी स्टेट थाने में दी गई है. शिकायतकर्ता और पीडब्ल्यूडी घोटाले को खोलने वाले पत्रकार विप्लव अवस्थी ने पुलिस को मामला दर्ज करने की अर्जी देते हुए कहा है कि 22 फरवरी को नोएडा में हुए उन पर हमले और सुरेंद्र कुमार बंसल की संदेहपूर्ण परिस्थितियों में मौत के पीछे किसी तीसरे व्यक्ति का हाथ हो सकता है.

केजरीवाल सरकार में पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने भी सोमवार को आरोप लगाया था कि केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन डील को अंतिम रूप दिया गया था. कपिल मिश्रा ने जिस समय सुरेंद्र कुमार बंसल का नाम लिया, उसी समय खबर आई कि दिल का दौरा पड़ने से मेदांता अस्पताल में उनका निधन हो गया. उनके अंतिम संस्कार में केजरीवाल भी शामिल हुए थे. सुरेंद्र कुमार बंसल अपने परिवार के साथ दिल्ली के प्रीतमपुरा में रहते थे.

अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने ट्वीट कर कपिल मिश्रा के आरोप को बेबुनियाद बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'यह स्टुपिड आदमी मेरे ब्रदर-इन-ला पर आरोप लगा रहा है, जिनका निधन हो गया.' इसके अलावे AAP के कई नेताओं से सुरेंद्र कुमार बंसल का नाम लेने से कपिल मिश्रा पर पलटवार किया. खुद उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कपिल मिश्रा इतना गिर जाएंगे ये उन्हें पता नहीं था. जिस शख्स पर आरोप लगाया जा रहा है उसकी चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है.

जानिए, क्या है पूरा मामला?
रोड एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन नामक एक एनजीओ ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल ने अपने साढ़ू सुरेंदर कुमार बंसल को 2014 से 2016 के बीच कई निर्माण कार्यों का सरकारी ठेका दिलाया था. इसमें कई फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों का काम दिखाया गया और फिर कागजों पर ही काम दिखलाकर पैसे हड़प लिए गए. इसी एनजीओ से पत्रकार विप्लव अवस्थी जुड़े हुए हैं. उनका कहना था कि हमारी ओर से 150 से ज्यादा आरटीआई डाली गईं, लेकिन संबंधित विभागों से कोई जानकारी नहीं दी गई.

फर्जी कंपनी दिखाकर गड़बड़ी
आरोप है कि केजरीवाल के साढ़ू ने रेणू कंस्ट्रक्शन के नाम से कंपनी बनाई और फिर महादेव इम्पेक्स से सामान खरीदा हुआ दिखाया, जबकि महादेव इम्पेक्स ने सेल टैक्स विभाग को दी जानकारी में दिखाया है कि कंपनी ने ना तो कोई कारोबार किया, ना ही किसी से माल लिया और ना ही किसी को आगे माल बेचा है. यानी नाले बनाने से लेकर कंस्ट्रक्शन तक का काम सिर्फ कागजों पर हुआ और पैसा सरकार के फंड से दिया गया. एनजीओ ने केजरीवाल सरकार पर नियमों में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया है.

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