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जानिए, दिल्ली में लगने वाले जाम से हर साल कितना का होता है नुकसान!

शिवानंद गिरि
नई दिल्ली: दिनों -दिन दिल्ली जाम की राजधानी बनती जा रही है. बहुतों को यह पता भी नहीं होगा कि दिल्ली में लगने वाले वाहनों के जाम से हर साल कितना नुकसान होता है. मैं आपको बताता हूं कि करीब 90 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हर साल इस जाम से हो रहा है. सुबह हो या शाम, दिन हो या रात, राजधानी दिल्ली जाम की राजधानी बन गई है। रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या करीब एक करोड़ तक जा पहुंची है जिससे अब शनिवार और रविवार को भी दिल्ली में भारी जाम लगने लगा है।
सोमवार से शुक्रवार के बीच लगने वाला जाम भले ही आम हो चला है लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं। वाहनों के भारी जाम के कारण दिल्ली क आबो-हवा भी बेहद जहरीली हो गई है। आलम यह है कि हर साल जाम में करीब सात प्रतिशत की बढ़ोतरी होती जा रही है। इस बात का खुलासा सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरंमेंट (सीएसई) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में किया है।
सीएसई ने हाल ही में गूगल मैप के जरिए लिए गए डाटा के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े पेश किए हैं। सीएसई द्वारा की गई स्टडी में जो बातें सामने आईं है उसके मुताबिक जो सड़कें दिल्ली को एनसीआर के दूसरे शहरों से जोड़ती हैं उनमें ट्रैफिक जाम दूसरी सड़कों की अपेक्षा हर वक्त ज्यादा होता है।
सीएसई ने पिछले साल की गई अपनी एक और स्टडी का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि राजधानी में एनसीआर से आने वाली कारों की तादाद दिल्ली में साल 2014-15 में रजिस्टर्ड कारों की संख्या से भी ज्यादा थी। स्टडी में जिन 13 सड़कों का जिक्र किया गया है उन्हें यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रीट डिजाइन गाइडलाइन्स के तहत अर्बन रोड्स के अंर्तगत इसलिए बनाया गया था ताकि इनके जरिए सड़क पर 50 से 70 किमी प्रति घंटे की ड्राइविंग स्पीड हासिल की जा सके।
जबकि निर्धारित स्पीड 40 से 55 किमी प्रति घंटा तय की गई थी लेकिन गूगल मैप के जरिए करीब एक महीने तक दिल्ली की इन 13 सड़कों पर स्पीड को ऑब्जर्व करने पर मालूम पड़ा कि इन सड़कों पर पीक आवर्स पर स्पीड 26 किमी प्रतिघंटा और नॉन पीक ऑवर्स पर 27 किमी प्रति घंटा है जो कि निर्धारित स्पीड से करीब 50 से 60 फीसद कम है। दिल्ली में सुबह 8 बजे से शाम के 8 बजे के बीच 12 घंटों में करीब 75 फीसदी समय ट्रैफिक की स्पीड 25 से 30 किमी प्रति घंटा रहती है जबकि 17 फीसदी समय औसतन स्पीड 20 से 25 किमी प्रति घंटा के बीच रहती है.
पूरे दिन में सिर्फ 8 फीसदी मौके ऐसे आते हैं जब ट्रैफिक की रफ्तार 30 किमी प्रति घंटा या उससे ज्यादा रहती है। कुल मिलाकर देखें तो पीक ऑवर्स में दिल्ली की औसतन रफ्तार करीब 27 किमी प्रति घंटा है तो वहीं नॉन पीक ऑवर्स में ये 30 किमी प्रति घंटा है।
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