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नई दिल्ली: रविवार को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार ने वीरता पुरस्कारों का एलान किया। हवलदार हंगपन दादा को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा जाएगा। हंगपन दादा इसी साल 27 मई को उत्तरी कश्मीर में घुसपैठियों से लड़ाई के दौरान शहीद हो गए थे।
बलिदान देने से पहले उन्होंने चार आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकी हथियारों से लैस होकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से भारतीय सीमा में घुस आए थे। अशोक चक्र शांति काल में एक सैनिक को मिलने वाला सबसे बड़ा सम्मान होता है।
हंगपन दादा की बहादुरी के चलते उनके बाकी साथियों को कोई नुकसान नहीं हुआ। उनके परिवार में अब पत्नी चेजन लोवांग, 10 साल की बेटी रोखिन और छह साल का बेटा सेनवांग है।
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