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नर्मदा के एक-एक बूंद की कीमत जानता हूँ: पीएम मोदी
Ashwin Pratap Singh
15 May 2017 11:30 AM GMT
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अमरकंटक (मप्र). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मध्यप्रदेश के अमरकंटक में नर्मदा सेवा यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने यहां नर्मदा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की. मोदी ने डेढ़ सौ दिनों की नर्मदा यात्रा को असंभव और असामान्य बताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यात्रा के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं गुजरात से हूं, नर्मदा के एक-एक बूंद की कीमत जानता हूं.
आज कहा कि जिस मां नर्मदा ने हमें बचाया है उसे बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है. आज देश में कई नदियां सिर्फ नक्शे में बची हैं इसलिए जरूरी है कि नदी संरक्षण को पुण्य काम के तौर पर अपनाकर नर्मदा को बचाया जाए. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने मां नर्मदा की नहीं, हमेशा अपनी परवाह की.
आज कहा कि जिस मां नर्मदा ने हमें बचाया है उसे बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है. आज देश में कई नदियां सिर्फ नक्शे में बची हैं इसलिए जरूरी है कि नदी संरक्षण को पुण्य काम के तौर पर अपनाकर नर्मदा को बचाया जाए. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने मां नर्मदा की नहीं, हमेशा अपनी परवाह की.
जबकि कहते हैं, नर्मदा की परिक्रमा से अहंकार चूर-चूर हो जाता है. मां नर्मदा एक-एक पौधे के प्रताप से प्रकट होती है. और गुजरात तो नर्मदा के एक-एक बूंद की अहमियत जानता है. मध्यप्रदेश को स्वच्छता अभियान में मिली जबरदस्त सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि देश के 100 सबसे साफ शहरों में 22 शहर एमपी से हैं.
ये काम जनभागीदारी और सरकार के बीच आपसी सामंजस्य से ही संभव है. एमपी के लोगों ने साफ-सफाई को अपना काम माना इसलिए इतनी बड़ी सफलता मिली. सफाई में सफलता सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं मिल सकती है.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिवसीय प्रवास पर विशेष विमान से नई दिल्ली से दोपहर 12.25 बजे जबलपुर के डुमना विमानतल पहुंचे जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी अगवानी की. प्रधानमंत्री जबलपुर से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर 1.35 बजे अनूपपुर जिले के अमरकंटक पहुंचे और दोपहर 2.00 बजे कार्यक्रम स्थल पहुंचे.
नर्मदा की पूजा-अर्चना करने के बाद दोपहर 2.15 बजे 'नमामि देवी नर्मदे' सेवा यात्रा के समापन कार्यक्रम में पहुंचे. प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर अमरकंटक में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात हैं. नर्मदा नदी के किनारों पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
नर्मदा सेवा यात्रा 11 दिसंबर, 2016 को उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू हुई थी. 148 दिन में लगभग 3500 किलोमीटर का रास्ता तय करके यात्रा वापस अमरकंटक पहुंची जिसका आज यहां समापन हो रहा है.
Ashwin Pratap Singh
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