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बाल ठाकरे की वसीयत पर विवाद, बंद कमरे में गवाही के आदेश

मुंबई: बुधवार को बाल ठाकरे की वसीयत को लेकर छिड़ी जंग उस समय और बढ़ गई, जब उनके बेटे जयदेव ठाकरे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दावा किया कि उनकी पूर्व पत्नी स्मिता का बेटा ऐश्वर्य ठाकरे उनकी संतान नहीं है।
बता दें कि शिवसेना के फाउंडर लीडर बाल ठाकरे ने वसीयत में प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा ऐश्वर्य को भी दिया है। लेकिन जयदेव को कुछ नहीं दिया है। ठाकरे की वसीयत पर सवाल उठाते हुए जयदेव ने बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की है। इस पर बुधवार से सुनवाई शुरू हुई। जयदेव ऐश्वर्य के मामले पर कुछ खुलासा करना चाहते थे, पर जज ने उन्हें रोक दिया।
उनके फ्लैट और ठाकरे के आवास 'मातोश्री' के बीच उनके आने जाने से जुड़े सवाल पर जयदेव ने कहा कि वर्ष 2004 के बाद वह जब भी जाते थे, तो मातोश्री की दूसरी मंजिल पर रुकते थे, क्योंकि पहली मंजिल पर 'कोई अज्ञात व्यक्ति' रहता था।
जयदेव ने कोर्ट में यह भी कहा कि बाल ठाकरे के निधन से एक महीने पहले मैं उनके कमरे में रुका था। इस दौरान उनकी तबीयत काफी खराब थी। उन्होंने दावा किया कि जब बाला साहब ने वसीयत बनाई तो उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। ठाकरे मुझे अपना राजनीतिक वारिस बनाना चाहते थे, लेकिन मेरी राजनीति में आने की इच्छा नहीं थी।
बताया जाता है कि जयदेव ने तीन शादियां की हैं। माना जाता है कि जयदेव का स्मिता को छोड़कर तीसरी शादी करना बाल ठाकरे को पसंद नहीं आया। इस वजह से उनमें और जयदेव में दूरियां बन गईं।
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