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हिंदू पिता के अंतिम संस्कार से क्रिश्चियन बेटे ने किया इंकार, मुस्लिम महिला ने दी मुखाग्नि

वारंगल: तेलंगाना में एक बुजुर्ग की मौत के बाद उस समय असमंजस की स्थिति पैदा हो गई जब एक ईसाई बेटे ने हिंदू पिता का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। तब एक मुस्लिम महिला ने बुजुर्ग का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। ओल्ड एज होम में रहने वाले 70 साल के कीर्ति श्रीनिवास की बुधवार को मौत हो गई। वहां की केयरटेकर याकूब बी ने उसके बेटे सारथ को इसकी जानकारी दी लेकिन उसने पिता का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।
वारंगल जिले में याकूब बी अपने पति के साथ मिलकर वृद्धाश्रम चलाती हैं। उस वृद्धाश्रम में 70 बुजुर्गों की मुफ्त में देखभाल की जाती है। मंगलवार की रात को 70 साल के बुजुर्ग कीर्ति श्रीनिवास की मौत हो गई। श्रीनिवास दो साल पहले एक बस स्टॉप पर लकवाग्रस्त मिले थे। उन्होंने याकूब बी को बताया था कि उन्हें उनके परिवार ने छोड़ दिया है। उनकी मौत के बाद ही याकूब बी उनके बेटे को ढूंढ़ पाईं। वह अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, लेकिन बुजुर्ग के बेटे सारथ ने याकूब बी से कहा कि उसने ईसाई धर्म अपना लिया है और अब नया धर्म उसे हिंदू रीति-रिवाजों को फॉलो करने की इजाजत नहीं देता इसलिए वह अपने पिता को मुखाग्नि नहीं देगा।
याकूब बी के पति कहीं बाहर थे, आखिरकार मुस्लिम महिला ने खुद एक बेटे की तरह फर्ज निभाया और श्रीनिवास को मुखाग्नि दी। याकूब बी ने चिता के चारों तरफ चक्कर लगाए, कंधे पर मिट्टी का बर्तन रखा और मृत व्यक्ति के सबसे बड़े बेटे का कर्त्तव्य निभाते हुए चिता को मुखाग्नि दी। उनके आस-पास वृद्धाश्रम के ज्यादातर बुजुर्ग मौजूद थे।
याकूब बी ने कहा श्रीनिवास मेरे पिता की तरह थे। धर्म का हवाला देकर एक बेटे ने जो किया, वो काफी शर्मनाक है।
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