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धारा 35-A पर छिड़ी बहस के बीच CM महबूबा ने फारूक अब्दुल्ला से की मुलाकात
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार प्रदान करने वाले संविधान के एक अनुच्छेद पर छिड़ी बहस के बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती मंगलवार को विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से मिलने पहुंचीं। और राज्य में राजनीतिक हालात पर चर्चा की।
महबूबा मुफ्ती मंगलवार शाम गुपकर मार्ग स्थित अब्दुल्ला के आवास पर पहुंचीं थी। दोनों के बीच हुई मुलाकात को लेकर फारूक के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए बताया कि, 'महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार शाम जेकेएनसी अध्यक्ष से मुलाकात कर राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की। और उन्होंने बताया कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी।'
@MehboobaMufti called on @JKNC_ President this evening to discuss the prevailing political situation in the state. It was a cordial meeting.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 8, 2017
उमर अब्दुल्ला ने एक दूसरा ट्वीट करते हुए कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय में अनुच्छेद 35ए को लेकर चल रही लड़ाई में सभी समान सोच वाली पार्टियों के बीच व्यापक सहमति बनाना इस बैठक का उद्देश्य था।'
सूत्रों के अनुसार, 'मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कांफ्रेंस के साथ-साथ सभी राजनीतिक पार्टियों से भारतीय संविधान के भीतर जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेषाधिकार को सुरक्षित बनाए रखने के लिए सहायता मांगी है।
दरअशल, संविधान के अनुच्छेद 35ए को लेकर बीते दिनों से माहौल गरमाया हुआ है और सुप्रीम कोर्ट में इस अनुच्छेद को खत्म करने के लिए एक याचिका दायर की गई है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर विशेष राज्य के दर्जे पर जवाब मांगा है।
इससे पहले सोमवार को फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में विपक्षी नेताओं की एक बैठक हुई थी, जिसमें अनुच्छेद 35ए पर चर्चा की गई थी। बैठक के बाद पत्रकारों को बताया गया कि संविधान से अनुच्छेद 35ए को हटाए जाने से राज्य में विद्रोह भड़क जाएगा। जिसे राज्य सरकार काबू नहीं कर पाएगी।
बता दें अनुच्छेद 35ए जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा को राज्य की स्थायी नागरिकता एवं विशेषाधिकारों को परिभाषित करने का अधिकार देता है। 370 का खाका 1947 में शेख अब्दुल्ला ने तैयार किया था, जिन्हें प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। अनुच्छेद 370 की वजह से ही जम्मू-कश्मीर का अपना अलग झंडा और प्रतीक चिन्ह भी है।