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केरल: IS ज्वाइन करने वाली बेटी को बचाने के लिए मां ने कोर्ट में लगाई गुहार
एक महिला ने कोर्ट में अपनी बेटी की जान को खतर बताते हुए उसे बचाने की अपील की है।

केरल: एक महिला ने कोर्ट में अपनी बेटी की जान को खतर बताते हुए उसे बचाने की अपील की है। केरल में रहने वाली 27 साल की फातिमा उर्फ निमिषा ने हिंदू छोड़ इस्लाम अपनाया था। जिसके बाद वह अफगानिस्तान चली गई। ऐसी आशंका है कि उसने IS संगठन ज्वाइन कर लिया है। उसके पति ने भी हाल ही में ईसाई धर्म को छोड़कर इस्लाम अपनाया है।
दरअसल निमिषा की कुछ समय पहले साजद रहमान से मुलाकात हुई। निमिषा और रहमान की मुलाकात तिरवंतपुरम के एक कोचिंग सेंटर में हुई थी। जिसके कुछ समय बाद निमिषा ने इस्लाम धर्म अपना लिया था। हालांकि रहमान और निमिषा लंबे समय तक साथ नहीं रहे और रहमान उसे छोड़कर चला गया। कुछ दिनों बाद उसकी मुलाकात बेक्सन से हुई। निमिषा से मिलने से पहले ही बेक्सन ने भी इलाम धर्म अपनाया था, इससे पहले वह ईसाई धर्म को मानता था।
निमिषा को पहले एक गुमशुदा होने के मामले में मैजिस्ट्रेट कोर्ट और हाई कोर्ट के सामने पेश किया गया था। कोर्ट ने तब यह माना था कि यह कोई कोई अवैध नजरबंदी नहीं थी। सात महीने की प्रेग्नेंट निमिषा और उसके पति ने घर छोड़ दिया और रिश्तेदारों को बताया कि वे श्रीलंका में बिजनस करने जा रहे हैं। बेक्सन ने बाद में अपनी मां को फोन करके बताया कि वे लोग अफगानिस्तान में हैं।
निमिषा की मां ने कहा कि उनकी बेटी, दामाद और उनके बच्चे की जिंदगी खतरे में है क्योंकि अमेरिका सभी आईएस प्रभावी इलाकों में बम गिरा रहा है। याचिका में उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग की जा रही है क्योंकि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दी गई याचिकाओं का जवाब नहीं मिला। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को इस मामले में अपने विचार देने को कहा है।
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