
इस माँ कौन दे हिम्मत, जिसने सुना कि मेरा बेटा पीट पीट कर मार डाला, भावुक हुए योगेन्द्र यादव

स्वराज अभियान के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने पहलु खान के परिजनों से मिलकर उनको एक गाय भेंट की. सद्भावना मंच का गठन हरियाणा में हिंसक जात आन्दोलन के बाद हुआ था, जब हरियाणा 36 बिरादरी से 35-1 बिरादरी का प्रदेश हो गया था. जहां प्रदेश सरकार इस प्रकरण पर पर्दा डालने को आतुर थी, वहीं सामुदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सद्भावना मंच ने हरियाणा के सामजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों, साहित्यकारों आदि के नेतृत्व में एक पहल शुरू की.
योगेन्द्र ने कहा कि अलवर में गौरक्षकों की हिंसा की भेंट चढ़े पहलू खान की माँ अंगूरी बेगम के आंसू अपने एकमात्र बेटे के गम में खत्म होने का नाम ही नही ले रहे हैं. अब माँ की वेदना का तो कोई धर्म-मज़हब है नहीं, काश कि पहलू खान के हत्यारे यह समझ पाते. सद्भावना मंच के साथियों ने पहलू खान के परिवार को एक गाय भेंट की है. मेवाती चिर काल से गौपालक रहे हैं. इसका उनके धर्म-मज़हब से कुछ लेना-देना नहीं है. लेकिन देश में फैलाए जा रहे उन्माद का सिर्फ एक ही मकसद है. धर्म-मज़हब के बीच इतनी गहरी खाई खोद दो कि देश की सदियों की परम्पराएं धाराशायी हो जाएँ.
योगेन्द्र ने कहा कि अब फैसला हमें करना है, क्या हम अपने देश की प्यार-सौहार्द की परंपरा को संभालेंगे या धर्म के नए ठेकेदारों के शोर को नयी परंपरा बनायेंगे? सद्भावना मंच हरियाणा के सथियों ने अलवर में गौरक्षकों की हिंसा में मारे गए पहलु खान के घरवालों को गाय भेंट की. मैं इन साथियों की पहल को सलाम करता हूँ और इस पहल में सहयोग भी करूंगा.
सद्भावना मंच का गठन हरियाणा में हिंसक जात आन्दोलन के बाद हुआ था, जब हरियाणा 36 बिरादरी से 35-1 बिरादरी का प्रदेश हो गया था. जहां प्रदेश सरकार इस प्रकरण पर पर्दा डालने को आतुर थी, वहीं सामुदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सद्भावना मंच ने हरियाणा के सामजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों, साहित्यकारों आदि के नेतृत्व में एक पहल शुरू की. हमने जन सुनवाई की, और इसकी एक रिपोर्ट भी पेश की.अलवर में गौरक्षकों ने एक दूध किसान, पहलु खान, की निर्मम हत्या कर दी, क्योंकि वो एक वाजिब खरीद की गाय लेकर जा रहे थे, लेकिन गौरक्षकों ने उनकी एक न सुनी और दिन-दहाड़े भीड़ ने मिलकर उन्हें इतना मारा कि उनकी मृत्यु हो गयी.
ऐसा उन्माद आज जगह जगह दिख रहा है. और उस पर प्रदेश के विधायक इन गौरक्षकों की निंदा तो दूर, इनके साथ खड़े दीखते हैं.सद्भावना मंच की गाय भेंट करने की पहल इसी उन्माद का विरोध है, और साथ ही पहलु खान के परिवार के साथ मजबूती से खड़े रहने का संकल्प भी है.