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एसएसपी एसओ से बोली, "हट जाओ मेरे सामने से"

Special Coverage News
25 Jun 2016 6:56 AM GMT
एसएसपी एसओ से बोली, हट जाओ मेरे सामने से
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लखनऊ
राजधानी लखनऊ के पारा थाने के थानाध्यक्ष अशोक यादव को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी ने एक पुराने मामले में सस्‍पेंड कर दिया। उनका साथ देने के चलते 4 और दारोगा और 1 महिला सिपाही समेत 2 पुलिसकर्मियों को भी सस्‍पेंड कर दिया गया।

कहा जा रहा है कि जब एसएसपी ने अशोक यादव के कारनामों की फाइल देखी तो वह दंग रह गईं। उन्‍होंने एसएसपी आवास के कैंप ऑफिस में एसओ अशोक यादव से कहा- "तुम मेरे सामने से हट जाओ, तुमने पूरे महकमे को बदनाम कर दिया है।" आरोप है कि जब से अशोक यादव ने चार्ज संभाला, तब से थाने को कमाई का अड्डा बना लिया था। अब उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है।

एसएसपी ने बताया
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि एक पीड़ित महिला पर फर्जी लूट का मुकदमा दर्ज कर एसओ पारा ने उसे जेल भेज दिया था। जेल से आने के बाद महिला ने एडीजी एलओ से मिलकर शिकायत की थी, जिसके बाद मामले की जांच डीजीपी मुख्यालय में तैनात दारोगा संतोष कुमार को दी गई। जांच कर संतोष ने रिपोर्ट एडीजी एलओ को सौंपी, जिसमें एसओ पारा समेत 7 अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। इसके बाद उन्‍होंने एसओ पारा अशोक यादव, एसआई राम स्वारथ यादव, एसआई शिवशंकर सिंह, एसआई श्रीनारायण कुशवाहा, एसआई बलजीत यादव, आरक्षी योगेंंद्र सिंह यादव अौर महिला आरक्षी छोटी बिट्टी को तत्‍काल प्रभाव से सस्‍पेंड कर दिया। एसएसपी ने आगे बताया कि पीड़िता की तहरीर पर उसके साथ मारपीट और छेड़छाड़ करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।


क्या था मामला
बीते मार्च महीने में पारा थानाक्षेत्र में रहने वाली एक महिला एसओ पारा अशोक यादव के पास शिकायत लेकर गई थी कि उसके साथ वहीं के रहने वाले दीपक ने छेड़छाड़ की। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट भी की गई। आरोप है कि पीड़िता की सुनवाई करने के बजाए एसओ अशोक यादव ने दीपक को फोन कर थाने बुलाया और उसकी तरफ से महिला के खिलाफ ही लूट का फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। जब 3 महीने बाद महिला जेल से बाहर आई तो वह मामले की शिकायत लेकर एडीजी एलओ दलजीत सिंह चौधरी से मिली। उन्‍होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच डीजीपी मुख्यालय में तैनात एसआई संतोष कुमार को सौंप दी। उन्‍होंने जांच शुरू की तो महिला के आरोप सच साबित हो गए, जबकि एसओ अशोक यादव ने जो कार्रवाई की, वह फर्जी पाई गई। इसके बाद सभी पुलिसकर्मियों को सस्‍पेंड कर दिया।

दो लाख रुपए में बिके गए थे एसओ

सूत्रों के मुताबिक, एसओ पारा अशोक यादव ने आरोपी दीपक से 2 लाख रुपए लिए थे। इसके बाद उन्‍होंने पीड़ित महिला के खिलाफ ही लूट का झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था।

जांच के दौरान भी एसओ ने की ये करतूत?
एसओ पारा की करतूत जांच अधिकारियों के सामने आई तो अधिकारियों ने अशोक यादव को पीड़ित महिला की तहरीर पर दीपक के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज करने का आदेश दिया। अपने आप को फंसता देख अशोक ने मामले की जांच कर रहे दारोगा संतोष कुमार के खिलाफ ही आरोपी दीपक की तहरीर पर घूस लेने का मुकदमा दर्ज कर दिया। उन्‍होंने इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं दी। उनका कहना था कि दीपक ने आरोप लगाया है कि संतोष कुमार ने जांच के बहाने उससे 1 लाख रुपए की मांग की है।

आपको बता दें, एसएसपी मंजिल सैनी ने अशोक यादव द्वारा दारोगा संतोष कुमार के खिलाफ दर्ज की गई भ्रष्टाचार की रिपोर्ट के मामले में सीओ आलमबाग को जांच सौपी है।
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