
शिक्षक भर्ती मे फर्जी नियुक्तियां कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दलाल गिरफ्तार

हरदोई: एक ओर प्रदेश व देश की सरकार शिक्षा व्यबस्था को सुधारने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए है तो वंही दूसरी ओर मोटी मोटी सेलरी पाने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी विभाग में धन उगाही कर काली कमाई के जरिये जल्द करोड़पति बनते जा रहे है. कई मामले सामने आने के बाद भी ऐसे अधिकारियों व बाबुओं पर राजनैतिक संरक्षण के चलते कार्यवाही नहीं की जाती है जो समाज के लिए चिंता का विषय है.
बताते चलें कि शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियों के मामले में उस समय बहुत बड़ी ठगी का मामला प्रकाश में आया जब 9 जून को देवेंद्र प्रजापति पुत्र बाबूराम प्रजापति को एक अपहरण के मामले में फर्रुखाबाद व छिबरामऊ की पुलिस ने मिलकर गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद ठगी के मास्टरमाइंड देवेंद्र ने बताया कि उसने 72825 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हरदोई के बाबुओं के साथ मिलकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया और उसने हरदोई के भृष्ट बाबुओं के साथ मिलकर कन्नौज, फर्रूखाबाद व आगरा मे हुई मैरिट मे अंक बढवाकर फर्जी भर्ती भी कराई हैं.
पुलिस अभिरक्षा में अपने कबूलनामे में देवेंद्र ने यह भी कहा है कि हरदोई जनपद के शिक्षा विभाग के बाबू अनुपम मिश्रा, मनोज मिश्रा, व हरदोई जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के बाबू दयाशंकर मिश्रा उसके ठगी के गोरखधंधे के सरगना है और उन्होंने ही 5 लाख रूपये लेकर लगभग हर जिले में फर्जी शिक्षकों की भर्ती की करायी है. यंहा पर यह जानना भी जरुरी हो जाता है कि डायट के बाबू दयाशंकर पर इससे पूर्व भी भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लग चुके है लेकिन राजनैतिक संरक्षण के चलते उन पर विभाग की ओर से कोई कार्यवाही नहीं कर उन्हें हर बार सेफ कॉरिडोर के जरिये बचा लिया जाता रहा है.
कुछ दिनों पूर्व निरीक्षण भवन में सदर भाजपा सांसद अंशुल वर्मा, फर्रुखाबाद सांसद मुकेश राजपूत, सवायजपुर विधायक माधवेन्द्र प्रताप सिंह रानू की केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाने व अर्जुनपुर पुल की मंजूरी के सम्बन्ध में जानकारी देने के लिए हुई संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान दयाशंकर मिश्रा चाय पानी का प्रबंध करते देखे गए थे. ठगी के मास्टरमाइंड का कबूलनामे के बाद इन बाबू का काला चिट्ठा सामने आ गया है अब आगे देखना है कि यह बाबू हर बार की तरह लक्षमीपूजन कर बच निकलते है या इस बार योगी सरकार का इफेक्ट इनके गले की फांस बनता है.
ठगी के इस गोरखधंधे में आगरा में रहने वाले एक शिक्षक का भी हाँथ बताया जा रहा है. जो किसी अन्य जनपद में तैनात है.
ओम त्रिवेदी