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क्यों योगी से नाराज़ नहीं हैं मुसलमान योगी से, जानकर विरोधियों के उडे होश

क्यों योगी से नाराज़ नहीं हैं मुसलमान योगी से, जानकर विरोधियों के उडे होश
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सरकार ने लाजवाब काम किया है, जिससे सभी वर्ग लाभाविन्त हुए हैं
आस मोहम्मद कैफ सम्पादक

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार के 50 दिन हो गए हैं. 50 दिन पहले कट्टर हिंदूवादी सोच के नेता योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री कार्यभार संभाला था. भाजपा को 325 सीटें मिली थीं, जबकि तत्कालीन सत्ताधारी समाजवादी पार्टी को सिर्फ 47 सीटें मिलीं.

भाजपा सरकार के बनने के बाद सूबे के अल्पसंख्यक मुसलमानो में तरह-तरह की आशंकाए थीं. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद आशंकाएं और भी गहरी हो गयीं. आदित्यनाथ गोरखपुर पीठ के महंत हैं और मुसलमानों के विरुद्ध उनके विवादित बयानों के चलते समाज उनसे रुष्ट था. 2017 विधानसभा चुनाव में जबरदस्त ध्रुवीकरण हुआ और यह समझा जा रहा था कि नई सरकार मुसलमानों के लिए जीना दूभर कर देगी. सरकार ने ताबड़तोड़ फैसले भी लिए, जिनमे एंटी रोमियो स्क्वाड, बूचड़खाना बंदी, किसानों की कर्जमाफी महत्वपूर्ण रहे.



अब एक महीने बाद TwoCircles.net ने मुसलमानों की सरकार के प्रति राय जानने की कोशिश की तो कई गलतफहमियों से पर्दा हटा जैसे वाणिज्य कर विभाग में कर्मचारी रहे 65 वर्षीय हाजी जफ़र कहते हैं, 'सरकार ने लाजवाब काम किया है, जिससे सभी वर्ग लाभाविन्त हुए हैं.'

शहर के मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद उमर भी सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, उनके अनुसार सरकार ने मुसलमानों के हित में ज्यादा काम किया है. उन्होंने कहा, 'अवैध बूचड़खाने बंद होने ही चाहिए थे क्योंकि बीमार गोश्त बेचा जा रहा था और सबसे ज्यादा अच्छा काम किसानों की क़र्ज़माफ़ी का रहा क्योंकि इससे छोटे किसानों को फायदा पहुंचा और आधे से ज्यादा मुसलमान छोटे किसानों में ही आते हैं.



हालांकि जानसठ के नुसरत कुरैशी कहते हैं कि सरकार ने बदले की भावना से काम किया. वे कहते हैं, 'सरकार को पहले नोटिस देना चाहिए था, अब बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं. इस सरकार में हिन्दू संगठनों की गुंडागर्दी भी बहुत बढ़ गयी है. कुछ ने तो ऐलान किया है कि थाना भाजपा नेता के घर से चलेगा. यहां के विधायक विक्रम सैनी कह रहे थे कि जो वन्देमातरम नही कहेगा, उसकी टांग तोड़ देंगे. योगी जी को चाहिए की वो इन सब पर लगाम कस दें.'

किदवईनगर मुज़फ्फरनगर का एक चर्चित मोहल्ला है. यहां के हाजी अरशद के अनुसार सरकार के कामकाज से वो संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा, 'सबसे अच्छी बात यह है कि थाने में नेतागर्दी बहुत कम हो गयी है, वरना सपा सरकार में थानों पर दलालो का कब्ज़ा था. युवा वसीम मंसूरी कहते है उत्तर प्रदेश जो 50 दिन का योगी शासनकाल है, वह सराहनीय है. सबसे अच्छी बात अनुशासन है क्योंकि जब तक अनुशासन नहीं होता है तो सबकुछ गड़बड़ हो जाता है.'


सहारनपुर कचहरी में 30 साल से वकालत कर रहे सज्जाद हुसैन जमानत के कागज लेकर स्थानीय थाने सदर बाजार पहुंचे तो मुंशी ने पूछ लिया कि क्या बात है बाबू जी, अब तो कम आ रहे हो? वकील साहब ने जवाब दिया, 'भाई अब मुसलमानों के मामले कचहरी तक बहुत कम आ रहे हैं.'

सज्जाद हुसैन बताते हैं कि वो 30 साल से वकील हैं मगर इतना सुधार उन्होंने मुसलमानो में कभी नही देखा. कुछ मुसलमान सट्टा, जुआ, चोरी, अवैध कटान या चोरी जैसे छोटे-मोटे अपराधों में सक्रिय थे, उन्होंने तौबा कर ली है. अगले पांच साल में मुसलमानों में बड़ा नैतिक बदलाव आ जायेगा, जो उनकी प्रगति में बड़ा सहायक होगा.

गली-गली में होने वाली सट्टेबाजी ने मुसलमानों को बरबाद कर दिया, अब मुसलमान गलत धंधों से बच रहा है. युवा दानिश इस बात से बहुत खुश हैं कि थानों में दलालों की भीड़ कम हो गयी हैं. दानिश बताते हैं, 'मुसलमानों में आपसी झगड़ों की वजह से ही ये दलाल बने. इनकी रोजी-रोटी ही थाने से चलती थी. दलाल और भ्रष्ट पुलिस का गठजोड़ टूट गया है, बेवजह की शिकायतबाजी खत्म हो गयी है.'


असरार अहमद बताते है कि योगी सरकार ने वाकई शानदार काम किया. उन्होंने जो किया वो करके दिखाया. गन्ना और मिल मालिकों दोनों की समस्या दूर की. किसानों का क़र्ज़ माफ़ किया. मोदी झूठ बोलते हैं, मगर योगी सच्चे हैं. योगी टीका और टोपी में कोई भेदभाव नहीं करते हैं.

इन मुस्लिम युवाओं की बातचीत देखकर ऐसा लगता है कि योगी सरकार से मुसलमान इतने खुश हैं कि कानून व्वयस्था की पैदा हुई समस्या को भी वो योगी सरकार को बदनाम करने की साज़िश मानते है. जैसा शाह फैसल कहते हैं, 'सरकार कोई भेदभाव नहीं कर रही है, इसलिए हिंदूवादी संगठन चिढ़ गए हैं.
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