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यूपी के अम्बेडकरनगर में मुस्लिम और दलितों में बकरी के लेकर हुआ बवाल
उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर में जहां अपनी बकरी के खाने के लिए किसी और के खून पसीने से लगाईं गयी खेती को मुफ्त में चारागाह बना देने का विरोध करना ही उनको बुरा लग गया और उन्होंने बना दिया उस जगह को जंग का मैदान और आ गए आमने सामने .दोनों समुदाय. फिर क्या हो गये एक दुसरे के खून के प्यासे. मामला कुछ ज्यादा बिगड़ता उससे पहले पुलिस ने हस्तक्षेप कर काबू पाया.
घटना यूपी के अम्बेडकर नगर जिले के आलापुर क्षेत्र से के गाँव अमड़ी में कल्लू दलित खेती कर के जैसे तैसे अपना गुजरा करता है. कल्लू ने अपनी मेहनत से इस बार गन्ने की फसल बोई थी जिसे वहां के किस्मत अली की बकरी आये दिन नुक्सान पंहुचा रही थी .कल्लू बार बार किस्मत अली से अपनी खेती को ना बर्बाद होने के लिए बकरी को बाँध कर रखने की हिदायत देता था पर किस्मत अली अपनी जिद पर अड़ा सा रहता था और कल्लू की बात को बार बार अनसुनी कर देता था. बकरी बार बार फसल को चर रही थी जिससे कल्लू परेशान था.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार की सुबह किस्मत अली की बकरी एक बार फिर कल्लू के खेत में दिखी जिसे कल्लू ने खींच कर बाहर निकालने का प्रयास किया. किस्मत अली की चोरी के साथ सीना जोरी भी तब चालू हो गयी जब उसने कहा की खेत चर रही है तो क्या हुआ इसे तुम छू भी नहीं सकते. इस पर कल्लू ने ध्यान नहीं दिया और बकरी को खींच कर बाहर निकाल दिया. किस्मत अली को ये बात अपने लिए चुनौती सी लगी और वो मार पीट पर उतारू हो गया. मामला बढ़ता देख खबर जब गाँव तक पहुंची तो.
अचानक बढ़ गए इस बवाल से दलित और मुस्लिम आमने सामने आ गए. दलितों की बस्ती से तमाम लोग बाहर निकल आये और किस्मत अली ने भी अपने तमाम गुर्गों को बुला लिया. बताया जा रहा है की किस्मत अली का घर जला दिया गया है जिसकी पुष्टि नहीं हो पायी है. फावड़े और बलम आदि के साथ दोनों पक्षों लाठियां चली हैं. दोनों पक्ष घायल हुए हैं जिनका इलाज़ अस्पताल में चल रहा ही.
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन सतर्क हो गया और एसडीएम पंकज श्रीवास्तव , सीओ टांडा लक्ष्मीकांत गौतम और थानेदार देवीचरण भारी फ़ोर्स ले कर गाँव में पहुंचे और मार पीट कर रहे किस्मत अली के पक्ष वालों के साथ दूसरे पक्ष को भी अलग करवाया. गाँव में भारी पुलिस बल तैनात है और तनावपूर्ण शान्ति कायम है. पुलिस सूत्रों का कहना है की हालत पूरी तरह से काबू हैं. शांति व्यवस्था बहाल है लेकिन यह एक छोटी घटना ने कितना विकराल रूप लेलिया. कब बदलेगी हमारी मानसिकता कि हम कौन है. आखिर इंसान है.