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बिहार के बाद यूपी में प्रयोग चालू, शिवपाल बन सकते डिप्टी सीएम?
Shivpal can become deputy CM?

बिहार में नीतीश कुमार को एनडीए के पाले में लाने के बाद अब यूपी में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम का इंतजार है। समाजवादी कुनबे की रार पर भाजपा की नजर है और भाजपा के रणनीतिकार इन परिवार के एक धड़े को एनडीए के साथ लेकर दूसरे धड़े की घेराबंदी करने की योजना बना रहे हैं। योजना को अमलीजामा पहनाने पर काम शुरू हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि सपा नेता शिवपाल सिंह यादव आने वाले समय में कोई बड़ा फैसला लेकर एनडीए के साथ जा सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के परिवार की लड़ाई भाजपा के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है। विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की दुर्गति और भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने में यादव परिवार की लड़ाई ने अहम भूमिका निभाई थी। चुनाव के बाद भी परिवार में झगड़ा समाप्त नहीं हो रहा है। भाजपा अब इस लड़ाई को यूपी की राजनीति में एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने जा रही है।
योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के साथ ही नई सरकार के प्रति मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव का रवैया नरम रहा है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं। भाजपा के रणनीतिकार अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव की घेराबंदी के लिए शिवपाल और मुलायम सिंह का इस्तेमाल करने जा रहे हैं। इस क्रम में शिवपाल कोई मोर्चा बनाकर एनडीए के साथ जाने की तैयारी में हैं।
इस क्रम में सपा नेता शिवपाल यादव भाजपा नेताओं के साथ संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी दो राउंड बातचीत हो चुकी है। बातचीत सकारात्मक चल रही है, इसी बातचीत का परिणाम था कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए विपक्ष के दस विधायकों की क्रास वोटिंग कराने में सफल रहा। मुख्यमंत्री के साथ दूसरी मुलाकात के बाद शिवपाल यादव ने योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की थी। दरअसल, रिवर फं्रट मामले में सीएम ने सीबीआई को जांच सौंप दी है।
पिछली सरकार में दो अहम विभाग सिंचाई और पीडब्ल्यूडी शिवपाल यादव के पास ही थे, सिंचाई विभाग की निगरानी में रिवर फ्रंट का काम हुआ था। जिसकी अब सीबीआई जांच शुरू हो रही है। ऐसे में सीएम से मुलाकात के जरिए शिवपाल यादव खुद को बचाना भी चाहते हैं। यूपी की राजनीति में शिवपाल किस तरह से भाजपा के लिए मददगार साबित होंगे, यह भाजपा नेताओं को तय करना है और उसी योजना पर इन दिनों भाजपा के रणनीतिकार काम कर रहे हैं।
अमित शाह के आने पर हो सकता है कोई फैसलाभाजपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष अमित शाह के लखनऊ दौरे पर सभी राजनीतिक दलों की निगाहें हैं। केशव मौर्या दिल्ली जायेंगे या नहीं, यह भी अमित शाह का दौरा तय कर देगा। राजनीतिक गलियारों में तो इस बात की भी चर्चा होने लगी कि सारी तैयारियां हो गई हैं। केशव मौर्या का स्थान शिवपाल यादव लेंगे। भाजपा की रणनीति है कि लोकसभाा चुनाव में यादव बाहुल्य इलाकों में शिवपाल यादव की सभाओं के जरिए अखिलेश यादव को घेरने की रणनीति बनाई जाए।
हालांकि शिवपाल अभी इस संशय में हैं कि वह सीधे भाजपा में शामिल हों या फिर कोई मोर्चा बनाकर एनडीए का हिस्सा बनें। अमित शाह अपने इस दौरे पर उन मंत्रियों के भी पेंच कसेंगे जिनके बारे में जनमानस में चर्चा आम हो गई है कि उन्होंने अपने मंत्रालयों में दलालों की एंट्री खोल दी है। जाहिर है कि अमित शाह का दौरा कई लोगों का राजनीतिक तापमान बढ़ा रहा है।
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