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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सही उम्मीदवार का चयन अखिलेश के मिशन - 2017 के लिए जरूरी

Special Coverage News
9 Aug 2016 9:40 AM IST
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सही उम्मीदवार का चयन अखिलेश के मिशन - 2017 के लिए जरूरी
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प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र यादव विश्लेषक, भाषाविद


पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उनकी सरकार के बारे में जिस तेजी से सोच बदल रही है, उससे उन्हें मिशन – 2017 में निश्चित रूप से लाभ मिलेगा. लेकिन यह लाभ कहीं वोट प्रतिशत के रूप में ही न हो, बल्कि सीटों के इजाफा के रूप में हो. इसके लिए मेरी पश्चिम की यात्रा से एक बात और उभर कर आई है. वहां के मतदाताओं ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री क्षेत्र में लोकप्रिय, ईमानदार, चरित्रवान, भेदभाव रहित और निरतंर जनता के बीच में रहने वाले नेताओ को अपना उम्मीदवार बनाते हैं, तो उसका लाभ उन्हें मिलेगा. इस क्षेत्र की जनता उसके पक्ष में मतदान करेगी और उसे जिता कर सदन भेजेगी. जब मैंने पूछा कि क्या सपा ने अभी जो उम्मीदवार घोषित किये हैं, वे ठीक नही हैं ?



तो इस क्षेत्र के रहने वाले हजारो लोगों ने बड़ी ही बेबाकी से कहा कि ज्यादातर उम्मीदवार तो वे हैं, जो लखनऊ में ही पड़े रहते हैं. जिन्हें जनता के सुख –दुःख से कोई सरोकार नही है. जिन्होंने जनता के काम करना तो दूर, उनसे मिलना भी मुनासिब नही समझा. उनके दुःख या परेशानी को सुना भी नही. उनके मोबाइल हमेशा स्विच ऑफ़ रहते हैं. यदि कभी बात हो जाये, तो फोन पर आश्वासन तो मिलता है, लेकिन इसके बाद वे अपना मोबाइल बंद कर लेते हैं. यदि फिर भी बात हो जाए, तो मैं लखनऊ में हूँ, जरूरी मीटिंग में हूँ, बाद में बात करता हूँ. इस तरह की बहानेबाजी करते हैं. इससे हम लोगों में असंतोष उपजता है. जब मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बारे में पूछा, तो उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि जो आवेदन हम लोगों ने 5 कालिदास मार्ग पर देकर आते हैं, उस पर कार्रवाई जरूर होती है, बशर्ते हम थोड़ी भाग-दौड़ कर लें.



इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने द्वारा पश्चिम में वितरित किये गये टिकटों पर फिर से विचार करें, पश्चिम में रहने वाले अपने शुभचिंतकों, नेताओं से इस सम्बन्ध में गोपनीय चर्चा करें, साथ में जनता का क्या नजरिया है, उसे ध्यान में रख कर एक बार फिर मिशन – 2017 में निश्चित सफलता के लिए आमूल-चूल परिवर्तन करना पड़े, तो करें.


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