Begin typing your search...
स्वामी परमानंद का बड़ा बयान- मुस्लिम सहमति से हिंदुओं को सौंपे राम जन्मभूमि

अयोध्या. हरिद्वार के दिग्गज संत युगपुरुष स्वामी परमानंद ने मंदिर आंदोलन की अगली कतार में शामिल रहे उन्होंने मुस्लिम समाज का आह्वान किया है कि वे सहमति के आधार पर रामजन्मभूमि हिंदुओं को सौंपें. ऐसा होने पर हिंदुओं को काशी विश्वनाथ व कृष्णजन्मभूमि विवाद से स्वयं को अलग कर लेना चाहिए.
बड़ा भक्तमाल मंदिर में सोमवार को मीडिया से वार्ता के दौरान स्वामी परमानंद ने बताया, छह दिसंबर 1992 को ढांचा ध्वंस के समय वे भी रामकथाकुंज के मंच पर थे और लालकृष्ण आडवाणी, विजयाराजे सिंधिया जैसे शीर्ष बीजेपी नेताओं की तरह नहीं चाहते थे कि ढांचा ध्वस्त हो.
स्वामी परमानंद, सिंधिया तो ढांचे से कार सेवकों को उतारने के लिए राम की सौगंध दे रही थीं. उन्होंने मंदिर निर्माण की दृष्टि से मौजूदा दौर को बेहतर करार दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश में मंदिर का समर्थन करने वाली सरकारें हैं.
एक सवाल के जवाब में स्वामी परमानंद ने केंद्र एवं प्रदेश सरकारों के काम-काज को बेहतर बताया और कहा कि मोदी एवं योगी के नेतृत्व में देश तथा प्रदेश का भविष्य उज्ज्वल है. भक्तमाल मंदिर के महंत अवधेशदास, नागा रामलखनदास, स्वामी परमानंद के शिष्य सुभाष शास्त्री, शिष्या साध्वी दिव्य चेतना भी मौजूद रहीं.
बड़ा भक्तमाल मंदिर में सोमवार को मीडिया से वार्ता के दौरान स्वामी परमानंद ने बताया, छह दिसंबर 1992 को ढांचा ध्वंस के समय वे भी रामकथाकुंज के मंच पर थे और लालकृष्ण आडवाणी, विजयाराजे सिंधिया जैसे शीर्ष बीजेपी नेताओं की तरह नहीं चाहते थे कि ढांचा ध्वस्त हो.
स्वामी परमानंद, सिंधिया तो ढांचे से कार सेवकों को उतारने के लिए राम की सौगंध दे रही थीं. उन्होंने मंदिर निर्माण की दृष्टि से मौजूदा दौर को बेहतर करार दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश में मंदिर का समर्थन करने वाली सरकारें हैं.
एक सवाल के जवाब में स्वामी परमानंद ने केंद्र एवं प्रदेश सरकारों के काम-काज को बेहतर बताया और कहा कि मोदी एवं योगी के नेतृत्व में देश तथा प्रदेश का भविष्य उज्ज्वल है. भक्तमाल मंदिर के महंत अवधेशदास, नागा रामलखनदास, स्वामी परमानंद के शिष्य सुभाष शास्त्री, शिष्या साध्वी दिव्य चेतना भी मौजूद रहीं.
Next Story