यूपी के 1.75 लाख शिक्षामित्रों की नौकरी खतरे में
uttar pradesh indicates removal of 1.75 lacs shiksha mitra

लखनऊ. यूपी में शिक्षण कार्य कर रहे 1 लाख 75 हजार शिक्षामित्रों की नौकरी खतरे में है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नई भर्ती होने तक मौजूदा शैक्षणिक सत्र तक शिक्षामित्रों को कार्य करने दिया जाएगा और जैसे ही नई भर्ती प्रक्रिया संपन्न होगी उन्हें उससे बदल दिया जाएगा. पीठ ने कहा कि 6 माह के भीतर नई भर्ती कीजिए.
भर्ती प्रक्रिया दिसंबर तक पूरा कीजिए. ऑनलाइन आवदेन सिस्टम से यह संभव है. इसके बाद अगले वर्ष मार्च तक नियुक्तियां कीजिए. तब तक शिक्षामित्रों को शिक्षण कार्य करने दीजिए. उन्हें इस भर्ती में बैठने का पूरा अधिकार होगा, उनके लिए उम्र सीमा का बंधन नहीं होगा, क्योंकि वह पहले से पढ़ा रहे हैं.
जहां तक उन्हें दी जाने वाली वरिष्ठता का सवाल है तो उत्तर प्रदेश सरकार नियम बनाकर उसे तय कर सकती है. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक बनाए जाने का बचाव किया.
सरकार ने कहा कि दूर-दराज के इलाकों में रह रहे बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया है. कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों की नियुक्तियां असंवैधानिक हैं. आपने बाजार में मौजूद प्रतिभा को मौका नहीं दिया और उन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती करने के बाद उनसे कहा कि आप अनिवार्य शिक्षा हासिल कर लो.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2015 शिक्षामित्रों की नियुक्तियों को अवैध ठहरा दिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में इस आदेश को स्टे कर दिया था.
यूपी सरकार ने करीब 1 लाख 35 हजार शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजन किया है, जबकि करीब 35 हजार सहायक शिक्षकों की नियुक्ति अभी होनी है, लेकिन फिलहाल वह रुकी हुई है.