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वाराणसी में रहने में भी डर लगता है......

Special Coverage News
10 July 2017 5:00 PM IST
वाराणसी में रहने में भी डर लगता है......
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वाराणसी पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर हो रही CM की किरकिरी
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी।यूपी में जहाँ योगी सरकार बेटियों और महिलाओं को अत्याचार से बचाने और पीड़िताओं की हर संभव मदद कर उन्हें न्याय दिलाने की बात भले ही करती हो। लेकिन सीएम के दावे की पोल उस समय खुल गई जब एक लड़की ने ट्वीट कर कहा कि उसे बनारस में रहने में भी डर लगता है।
बताते चलें कि एपेक्स नर्सिंग कॉलेज के खिलाफ फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर आंदोलन करने वाली छात्राओं में से एक छात्रा ने ट्वीट कर कहां है कि "मैं भी उन छात्राओं में से एक थी जिस पर यह अत्याचार किया है अब हमें तो वाराणसी में रहने में भी डर लगता है।" हकीकत में देखा जाए तो छात्रा का यह ट्वीट सनसनी फैलाते हुए बनारस पुलिस के कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है !
वीडियो वायरल होने पर दर्ज हुआ मुकदमा
पिछले कई दिनों से एपेक्स नर्सिंग कालेज के छात्र-छात्राएं विरोध-प्रदर्शन के साथ हुई मारपीट और अश्लील हरकत का आरोप लगाते हुए पुलिस-प्रशासन से गुहार लगा रहे थे। उनकी एक न सुनी गयी उल्टे सभी को हिरासत में लेकर महिला थाने भेज दिया गया। इस बीच शनिवार की शाम से विरोध-प्रदर्शन करने वाली छात्रा का दुपट्टा खींच कर उनके साथ बदसलूकी का वीडियो वायरल होने लगा तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये। आनन फानन में मुकदमा ही नहीं कायम किया गया बल्कि पीड़ितों का खुद मेडिकल कराने के लिए पुलिस अस्पताल गई। इस मामले में दुष्कर्म का प्रयास, एसिड अटैक, छेड़खानी सहित अन्य आरोपों के तहत एपेक्स के निदेशक एसके सिंह के साथ उनकी पत्‍‌नी व बहू के अलावा बेटे डा. स्वरूप पटेल को भी नामजद किया गया है। इससे पहले भी एपेक्स प्रबंधन के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हुए थे।
RTI से फर्जीगिरी का हुआ था खुलासा
स्टूडेंटों के आरोपों की हकीकत जानने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता डॉक्टर अवधेश दीक्षित ने इंडियन नर्सिग काउंसिल (आईएनसी), महात्मा गांधी काशी में आरटीआई दाखिल किया था। RTI जवाब आईएनसी ने जो दिया वह चौंकाने वाला था। आईएनसी के मुताबिक इस कॉलेज को अपनी लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। वहीं आईएनसी ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को नर्सिग कॉलेज की संबद्धता देने का अधिकार भी पूछा है।

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