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Police killed a student's death
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। यूपी पुलिस की मानवीय चेहरा चमकाने के लिए शासन से लेकर पुलिस मुखिया की तरफ से भले दावे किये जाते हैं लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है। पुलिस का संवेदनहीन चेहरा उस समय नजर आया जब बनारस की पुलिस ने मंगलवार को सड़क दुर्घटना में मृत छात्र की मौत का तमाशा बनाते हुए हद कर दी। आपसी झगड़े में शव को घंटों सड़क पर पड़ा छोड़ दिया।
बताया जाता है कि ढेबरा जिला चंदौली के रहने वाले जोखुराम का बेटा अजय 15 वर्ष हाई स्कूल का छात्र है। मंगलवार की दोपहर में अजय बाइक से अपने दोस्त मिथलेश के साथ किताब खरीदने के लिए बनारस आया था। लौटते समय विश्वसुंदरी पुल पर पीछे से आ रही तेज रफ्तार ट्रक ने मिथलेश की बाइक में जोरदार टक्कर मारी और असंतुलित होकर गिरे अजय को कुचलते हुए भाग निकली।अजय की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसके दोस्त मिथलेश को हल्की चोट आई है।
मौके पर जुटे लोगों का आरोप है कि दुर्घटना की सूचना पर पहुंची रामनगर पुलिस संवेदनहीनता का परिचय दिखाते हुए अपने सीमा क्षेत्र से बाहर का मामला बताई और पल्ला झाड़ने लगी। 1 घंटे बाद घटना स्थल पर पहुंची लंका पुलिस भी सीमा विवाद के चक्कर में उलझ गई।
आरोप है कि रामनगर पुलिस मामले कोे लंका पुलिस के पाले में धकेलना शुरू कर दिया और बताने की कोशिश करने लगी की मामला उसी के सीमा क्षेत्र का है। रामनगर पुलिस की संवेदनहीनता के चलते छात्र की मौत का तमाशा बनता रहा लेकिन बात नहीं बनी। विवाद और गहराता देख रमना चौकी इंचार्ज रामजन्म यादव ने संवेदना दिखाई ।शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पुलिस की इस संवेदनहीनता को देखते हुए लोगों में चर्चा हो रही थी की विवादों को सुलझाने वाली पुलिस खुद इस कदर विवाद में उलझी की छात्र की मौत का तमाशा बना दिया।
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