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एक ऐसा गांव जहां हर घर में है कब्र, लोग ईद की दुआ में भी मांगते हैं कब्रिस्तान

जहां पूरे देश में ईद की रौनक है लोग आपस में गले मिलकर ईद का त्यौहार मना रहे है। लेकिन एक ऐसा गांव है जहां के लोग ईद पर दुआ में कब्रिस्तान मांगते है। यहा के हर घर के बाहर कब्रिस्तान है और हर कब्र इनके परिवार के लोगों की ही है। रात के अंधेरे में ही नहीं, दिन के उजाले में भी लोग कब्रिस्तान में जाने से डरते हैं। ऐसे में घर के अंदर कब्रिस्तान होना आश्चर्य से कम नहीं है।
आगरा के अछनेरा कस्बे का गांव पोखर के लोग ईद पर अल्लाह से दुआ कर कब्रिस्तान मांगते हैं। यहाँ करीब 35 मुस्लिम परिवार रहते हैं और सभी मजदूरी का काम करते हैं। यहाँ हर घर के बाहर उनके परिवार के ही लोगों का कब्र है। कई लोगों का मानना है कब्र की वजह से उनके घर के बच्चों को कथित रूप से शैतान पकड़ लेता है। इसके बाद वह झाड़फूंक के चक्कर में फंसते हैं। गांव के कई बच्चे सालों से बीमार हैं।
दरअशल में, इस गांव में मुस्लिम परिवारो की आबादी करीब 200 है, लेकिन गांव में एक भी कब्रिस्तान नही है जिस कारण आज भी गांव के लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार अपने घर के बाहर ही करते हैं। गांव में कई मुस्लिमो की मौत हुई है और कब्रिस्तान न होने के कारण परिवार वालो को घर के बाहर ही उन्हें दफनाना पड़ता है जिस कारण अब यहां हर घर के बाहर कब्रे स्थापित हो गयी है और तो और पोखर के किनारे बसे होने के कारण कई कब्र बरसात में पानी भरने से धंस कर खत्म हो गयी हैं।
ईद पर खुदा की इबादत में जब सिर झुकता है तो अकीदतमंद धन दौलत नहीं बल्कि गांव के लिए एक कब्रिस्तान मांगते हैं। गांव के लोगों का कहना है कि कब्रिस्तान आवंटित हुआ था लेकिन दबंगों ने कब्जा कर लिया। तहसील दिवस में शिकायत पर लेखपाल कब्रिस्तान को तालाब में दिखा देता है। ऐसे में सवाल यह है कि शवों को तालाब में कैसे दफनाया जाय।
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