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रेप रोकने वाली चिप का भारतीय मूल की वैज्ञानिक ने किया आविष्कार, देखिये कैसे करता है काम

Special Coverage News
31 July 2017 1:11 PM IST
रेप रोकने वाली चिप का भारतीय मूल की वैज्ञानिक ने किया आविष्कार, देखिये कैसे करता है काम
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भारतीय मूल की वैज्ञानिक मनीषा मोहन ने रेप रोकने वाला सेंसर का आविष्कार किया है।
अमेरिका: भारतीय मूल की वैज्ञानिक मनीषा मोहन ने रेप रोकने वाला सेंसर (stickar) का आविष्कार किया है। मनीषा मोहन MIT (Massachusetts Institute of Technology) की छात्रा हैं। इस सेंसर को कपड़े पर स्टीकर की तरह लगाया जा सकता है। इसमें लगा ब्लूटूथ स्मार्टफोन ऐप से जुड़ा है। मुश्किल हालात में यह तेज आवाज कर आसपास के लोगों को अलर्ट भेजेगा।
क्या है सेंसर:-
यह सेंसर जबरन शरीर से कपड़े हटाने की गतिविधि को भांपकर आसपास के लोगों, दोस्तों व परिवार को अलर्ट भेजेगा। पीड़िता लड़ने की स्थ‍िति में नहीं है या छोटी बच्ची है तो ऐसी स्थ‍िति में यह सेंसर उसके परिवार और दोस्तों तक अलर्ट भेज सकता है। यह सेंसर दो मोड्स में काम करेगा। पैसिव और एक्ट‍िव मोड। पैसिव मोड में यह मैनुअली काम करता है। लड़की इसका बटन दबाकर आसपास के लोगों को अलर्ट कर सकती है।
एक्ट‍िव मोड में यह सेंसर बाहरी सिग्नल्स के जरिये खतरे का अंदाजा लगाता है। अगर कोई जबरदस्ती कपड़े उतारने की कोशिश कर रहा है तो यह सेंसर उसके स्मार्टफोन पर एक संदेश भेजता है, जिससे सेंसर यह तय करेगा कि लड़की होश में है या नहीं। भेजे गए इस संदेश का रिप्लाई 30 सेकेंड के अंदर ना आने पर आसपास के लोगों को अलर्ट करने के लिए फोन तेज आवाज करने लगता है।
अगर उपयोकर्ता इस अलार्म को 20 सेकेंड के अंदर बंद नहीं करता, तो ऐप यह मान लेता है कि वह मुसीबत में है। इसके बाद वह उसके परिवार और दोस्तों के पास डिस्ट्रेस सिग्नल भेजना शुरू कर देता है, जिसमें पीड़िता की लोकेशन का पता चलता है।
कैसे लगाये स्टिकर:-
इस स्टिकर को लड़की इनरवियर में लगा सकती है। ब्रा में स्टिकर की तरह प्रवाहशील स्तर और हाइड्रोशील जेल लगा है। यदि कोई इस हाइड्रोशील जेल लगे ब्रा को बलपूर्वक खींचने की कोशिश करेगा तो ये लेयर एक्टिव हो जाएगा। फिर यूजर के फोन पर एक अलर्ट भेजेगा और तेज अलार्म देगा।
क्या कहना हैं मनीषा मोहन का:-
मनीषा ने कहा कि लड़कियों को घर में कैद रखने से अच्छा है कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। नये ऐप के जरिये न केवल महिलाओं बल्क‍ि स्कूल जाने वाली छात्राओं, शारीरिक रूप से विकलांगों को भी रेप से बचाया जा सकता है। मोहन ने कहा कि हमें बॉडी गार्ड की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि हमारे पास खुद की सुरक्षा करने की क्षमता होनी चाहिए।
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