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राष्ट्रीय
अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को थमाया नोटिस
Special News Coverage
27 Jan 2016 11:08 AM GMT
नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने केंद्र से 29 जनवरी तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने बुधवार दोपहर को इस मामले में हुई सुनवाई के बाद अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल जेपी राजखोवा के वकील से इसकी जानकारी मांगी है। कोर्ट ने 15 मिनट के भीतर ई-मेल से राज्यपाल की रिपोर्ट मांगी है।
कोर्ट ने कहा, किन हालातों में इमरजेंसी लगाई गई, यह जानकारी हमारे लिए जरूरी है। 15 मिनट में रिपोर्ट मुहैया करवाइये। राज्यपाल के वकील के एक दिन का वक्त मांगने पर कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आपको ईटानगर जाने की जरूरत नहीं, ई-मेल से मंगाइये। इसके बाद फाइल कोर्ट में लाई गई।
आपको बता दें अरुणाचल प्रदेश में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। मंगलवार शाम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसकी मंजूरी दे दी। केंद्रीय कैबिनेट ने रविवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। मंगलवार शाम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मंजूरी दे दी।
अरुणाचल प्रदेश में संवैधानिक संकट की शुरुआत पिछले साल हुई, जब 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में कांग्रेस के 47 विधायकों में से 21 विधायकों ने अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर दी। इसके बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई।
मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति शासन लगाने को मंजूरी दे दी थी। मुखर्जी ने राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले गृह मंत्री से इस मामले की जानकारी मांगी थी। अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा ने विधायकों को आश्वासन दिया था कि उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
क्या है असेंबली का गणित?
- अरुणाचल असेंबली में कुल 60 सीटें हैं। 2014 में हुए इलेक्शन में कांग्रेस को 42 सीटें मिली थीं।
- बीजेपी के 11 और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (PPA) को पांच सीटें मिलीं।
- पीपीए के 5 एमएलए कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद सरकार के पास कुल 47 एमएलए हो गए।
- लेकिन मौजूदा हालात में सीएम टुकी के पास सिर्फ 26 विधायकों का ही सपोर्ट है।
- सरकार बचाने के लिए कांग्रेस को कम से कम 31 विधायकों का सपोर्ट चाहिए।
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