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देश में बंटवारे से भी बुरा हाल, डरने लगे हैं एक दुसरे से हिंदू-मुस्लिम - मौलाना मदनी

Special News Coverage
10 March 2016 11:19 AM IST
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जमियत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने देश को "हिंदू राष्ट्र" बनाने के प्रयासों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उनोहने दावा किया कि देश की वर्तमान स्थिति बंटवारे के समय से भी बुरी है।

मदनी ने बुधवार को कहा कि विभाजनकारी ताकतें पिछले एक साल से सक्रिय है और मोदी मौन हैं, आखिर क्यों? मोदी देश के प्रधानमन्त्री है उन्हें इस तरह की शक्तियों को कुचलना होगा। उन्होंने 12 मार्च को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में राष्‍ट्रीय एकता सम्मेलन आयोजित करने का एलान भी किया। उन्‍होंने कहा कि इस सम्मेलन में दलित नेता, धार्मिक प्रतिनिधि और राजनेता शामिल होंगे।

मदनी के मुताबिक इस सम्मेलन में 40 हजार लोग हिस्‍सा लेंगे। उन्होंने सभी विपक्षियों पर राजद्रोह का मामला दर्ज करने पर भी सरकार पर हमला बोला। मदनी ने कहा कि वर्तमान सरकार अपनी विचारधारा के हिसाब से देशभक्ति की परिभाषा गढ़ रही है। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब सरकार का विरोध करने वाले लोगों को देश विरोधी कहा जा रहा है।

रोहित वेमुला सुसाइड मामले का जिक्र करते हुए उन्‍होंने आरोप लगाया कि मनुवाद का विरोध करने वाले पिछड़ी जाति के छात्रों को देश विरोधी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों और हिंदुओं के बीच खाई चौड़ी होती जा रही है और दोनों एक दूसरे को देखने से भी डरने लगे हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी पार्टी के समर्थक या विरोधी नहीं है। देश की एकता और समन्‍वयता में हमारा विश्‍वास है। कुछ लोग हैं जो कहते हैं कि वे भाजपा के खिलाफ हैं लेकिन हम केवल उन्हीं लोगों के विरोध में हैं जो देश की एकता को नजरअंदाज कर रहे हैं। यह हमारा देश भी है और हम देश में हमारी जगह के लिए लड़ेंगे।
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