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Akhilesh Shivpal Alliance | अखिलेश से मिले शिवपाल, चाचा-भतीजे में गिले-शिकवे दूर पर अखिलेश के सामने है ये चुनौती?

Arun Mishra
17 Dec 2021 1:40 PM GMT
Akhilesh Shivpal Alliance | अखिलेश से मिले शिवपाल, चाचा-भतीजे में गिले-शिकवे दूर पर अखिलेश के सामने है ये चुनौती?
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कल शाम को अखिलेश चाचा शिवपाल से मिलने पहुंचे तो राजनीति हलकों में हलचल मच गई..

अरुण मिश्रा, सहायक संपादक

कहते हैं राजनीति में कुछ भी संभव है... कल शाम को अखिलेश चाचा शिवपाल से मिलने पहुंचे तो राजनीति हलकों में हलचल मच गई..

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के आवास ए-1 विक्रमादित्य मार्ग से करीब 400 मीटर की दूरी पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का बंगला 6 लालबहादुर शास्त्री है. इस दूरी को तय करने में अखिलेश को तकरीवन 5 साल लग गए. हालांकि अब 2022 के चुनाव से ठीक पहले चाचा-भतीजे के बीच हुई मुलाकात में सारे गिले-शिकवे दूर हो गए और साथ ही गठबंधन पर मुहर भी लग गई.

दोनों नेतायो ने मुलाकात की फोटो की ट्वीट

अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के साथ हुई मुलाकात की फोटो ट्वीट करते लिखा... 'प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई. क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा व अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है. अखिलेश के बाद शिवपाल यादव ने भी ट्वीट कर लिखा, 'समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आवास पर शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान उनके साथ आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में साथ मिलकर लड़ने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई.

अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की गुरुवार को 45 मिनट की मुलाकात हुई. चाचा-भतीजे के एक होने के बाद असल सवाल सीटों को लेकर उठ रहे हैं, क्योंकि दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद न तो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सामने आया और न ही समझौते की शर्त. ऐसे में सवाल उठता है कि शिवपाल यादव के करीबी नेताओं को अखिलेश यादव कैसे 2022 के चुनाव में एडजस्ट करेंगे.

शिवपाल यादव पिछले दिनों 100 सीटों की मांग उठा चुके है, जिस पर सपा सहमति नहीं थी. साथ ही अखिलेश यादव ने साफ़ कह दिया है कि सपा साढ़े तीन सौ सीट पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत उन सीट पर है, जहां से शिवपाल के करीबी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.

60 से 70 सीटों पर शिवपाल का असर

शिवपाल यादव पश्चिम, अवध और बुंदेलखंड के करीब 10 जिलों की 60 से 70 सीटों पर असर रखते हैं। इसके पीछे वजह ये है कि उनका अभी भी सहकारी समितियों पर कब्जा है। साथ ही वह अपने कोर वोट बैंक यादव को भी सहेज कर चल रहे हैं। उनकी पकड़ यूपी के 9% यादव वोट बैंक पर है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कसा तंज

इस बीच, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिवपाल और अखिलेश की इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया "साल 2022 में एक बार फिर 300 से अधिक सीटें जीतकर बीजेपी की सुशासन वाली सरकार बनने जा रही है. चाचा भतीजे मिलें, चाहे बुआ भतीजे मिलें, चाहे कांग्रेस और सपा मिलें या फिर सारे मिल जाए तब भी खिलना तो कमल ही है."


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