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भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने लोकसभा चुनाव से पहले ही पाला बदल लिया था। उन्होंने पटना साहिब से टिकट न मिलने के बाद अड़ियल रवैया अपनाते हुए भाजपा को अलविदा कह दिया और कांग्रेस में आ गए थे। उनको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पटना से टिकट तो दिया लेकिन वो हार गए। लोकमत न्यूज वेबसाइट के मुताबिक हार के बाद वो लगातार मोदी सरकार के काम की तारीफ जरूर कर रहे थे लेकिन तारीफ काम नहीं आई और भाजपा सरकार ने उनको तगड़ा झटका दे दिया।
सबसे पहले जानें शत्रुघ्न सिन्हा का राजनीतिक करियर
शत्रुघ्न सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी के जमाने से भाजपाई रहे और उनको लाल कृष्ण आडवाणी के खेमे का नेता भी माना जाता था। वो 13वीं लोकसभा में वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री तक बनाए गए थे। 15 जुलाई 1946 को जन्मे शत्रुघ्न ने अपना राजनीतिक करियर अभिनेता राजेश खन्ना के खिलाफ चुनाव लड़कर शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने पटना सीट से ही शेखर सुमन को हराया था।
जानें भाजपा सरकार ने दिया ये आदेश
लोकमत न्यूज वेबसाइट के मुताबिक भाजपा सरकार ने एक बड़ा फैसला ले लिया जिसके तहत शत्रुघ्न सिन्हा को बड़ा झटका लगा है। भाजपा सरकार ने उनको दिल्ली के ल्यूटन इलाके में स्थित बंगला खाली करने का आदेश दे दिया है। चुनाव हारने के बाद भी शत्रुघ्न सिन्हा और कुछ पूर्व सांसदों ने बंगला खाली नहीं किया। वहीं नए 265 सांसद अपने बंगलों का इंतजार कर रहे हैं। इसी वजह से सरकार ने दो हफ्ते में शत्रुघ्न सिन्हा और अन्य नेताओं को बंगला छोड़ने का आदेश देते हुए नोटिस जारी कर दिया है।