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शरद पवार बोले- केंद्र सरकार किसानों के धैर्य का इम्तिहान न ले, समय रहते करे फैसला

Arun Mishra
11 Dec 2020 2:15 PM GMT
शरद पवार बोले- केंद्र सरकार किसानों के धैर्य का इम्तिहान न ले, समय रहते करे फैसला
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शरद पवार ने कहा कि सरकार किसानों की सहिष्णुता का इम्तिहान न ले.

केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार किसानों की सहिष्णुता का इम्तिहान न ले. पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों पर समय से निर्णय नहीं लिया तो दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा प्रदर्शन देश के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा विस्तृत चर्चा की मांग किये जाने के बावजूद संबंधित कृषि विधेयक संसद में 'हड़बड़ी' में पारित किये गये थे .

विभिन्न राज्यों के किसान इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर करीब दो सप्ताह से दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं. किसानों का कहना है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का सुरक्षा कवच खत्म कर देंगे और उनकी आमदनी पक्की करने वाली मंडियां भी हट जाएंगी. सरकार के अनुसार MSP व्यवस्था जारी रहेगी तथा नये कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए और विकल्प उपलब्ध करायेंगे.

वार ने कहा, 'आज किसानों ने कानूनों को वापस लेने की कड़ी मांग की है और कहा है कि इस मुद्दे पर बाद में चर्चा की जा सकती है. लेकिन इस पर केंद्र का रूख अनुकूल नहीं जान पड़ता है. इसलिए ऐसे संकेत हैं कि गतिरोध कुछ और दिन चल सकता है.'

वरिष्ठ नेता ने कहा कि करीब 700 टैक्टरों से और लोग शुक्रवार सुबह प्रदर्शन से जुड़ने के लिए दिल्ली बार्डर पर पहुंचे. उन्होंने कहा,'यह प्रदर्शन दिल्ली के बार्डर तक सीमित है. लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि यदि समय पर निर्णय नहीं लिया गया तो यह अन्यत्र भी फैल सकता है.'

पवार ने कहा, 'हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि किसान देश का अन्नदाता है और उसकी सहिष्णुता का इम्तिहान नहीं लिया जाना चाहिए.'

पवार ने यूपीए के अध्यक्ष बनने की अटकलों को किया खारिज

पवार ने गुरुवार को मीडिया में आयी इन अटकलों को खारिज किया कि वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के अध्यक्ष बन सकते हैं. उन्होंने कहा, 'यह झूठी खबर है. ऐसी झूठी खबरें न चलाएं.' उन्होंने केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे द्वारा किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान के हाथ होने के बयान पर कहा, 'कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें यह समझ नहीं होती है कि कहां और कैसे क्या बोलना है. उन्होंने पहले भी ऐसे बयान दिये थे.'

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