राजनीति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले डॉ एम जे खान, राजनीति से लेकर किसानों और सामुदायिक मामलों समेत कई मुद्दों पर लंबी बातचीत हुई

Shiv Kumar Mishra
6 Jun 2023 11:06 AM GMT
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले डॉ एम जे खान, राजनीति से लेकर किसानों और सामुदायिक मामलों समेत कई मुद्दों पर लंबी बातचीत हुई
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भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भारतीय कृषि एवं खाध्य परिषद (आईसीएफए) के चैयरमैन डॉ एम जे खान ने मुलाकात की। मुलाकात के दौरान देश के किसानों को और ज्यादा सर सब्ज कैसे रखा जाए और मुसलमान को मुख्य धारा से कैसे जोड़ें इस पर गंभीर चर्चा हुई।

डॉ एम जे खान ने मुलाकात के बाद बताया कि मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों के वेल्फेयर को लेकर कई गंभीर बातें कही। उन्होंने कहा कि इस देश के सबसे बड़े तबके यानी किसान को लेकर बीजेपी सबसे ज्यादा चिंतित रहती है तभी तो इस देश का सर्वाधिक किसान बीजेपी के साथ हर समय कंधे दे कंधा मिलाकर खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार के दौरान कृषि उत्पादन कई गुणा बढ़ा और निर्यात भी पहले से चार गुणा बढ़ा। किसान आज खुशहाल है। केंद्र सरकार किसानों को लेकर हमेशा फिक्रमंद रहती है और हर समय साथ देती है।

डॉ खान ने बताया कि मुसलमानों के विकास के लिए बीजेपी हर संभव काम करती है। किसी भी योजना में धर्म और जाति का भेदभाव नहीं होता है। आज मुस्लिम को भी मुख्य धारा में आने के लिए बेमतलब की बयान बाजी से बचना चाहिए। आज हम सबको मिलकर भारतीय संकृति की बात करनी होगी। पूजा पद्धति अपनी अपनी है उसे अपनी तरह से करे लेकिन किसी भी धर्म और समाज के खिलाफ नफरत का काम न करे।

डॉ एम जे खान ने कहा कि मुसलमान को सरकार के सभी लाभ मिलते है सभी योजनाओ में भागीदारी मिलती है। मुसलमान जिस तरह से आजकल अपनी शिक्षा पर ध्यान दे रहा है उसी तरफ उसे और ताकत लगानी चाहिए। जिस तरह से इस बार यूपीएससी में मुस्लिम बच्चों ने नाम रोशन किया है उससे उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में हम अपनी हिस्सेदारी पूरी करेंगे। हमें अभी सभी उन बातों पर फोकस करे जिनसे हमें आर्थिक और मानसिक लाभ हो बेमतलब की बातों पर फोकस न करे।

बता देश में भारतीय कृषि एवं खाध्य परिषद किसानों को लेकर कई जागरूकता के कार्यकम करती है किसानों की फसल के बाजिब दाम कैसे मिलें। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भारतीय कृषि के सामान को उचित मूल्य कैसे मिले इस पर काफी समय से काम करती आ रही है। बात चाहे फिशरीज इंडस्ट्री की हो या दुग्ध उत्पादन की या फिर फसलों के रख रखाव की हो आईसीएफए हमेशा सबसे अग्रणी भूमिका में रहता है।


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