राष्ट्रीय

मुल्क में मंदिर-मस्जिद की राजनीति बंद हो - मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया

Shiv Kumar Mishra
22 May 2022 5:51 AM GMT
मुल्क में मंदिर-मस्जिद की राजनीति बंद हो - मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया
x
सांस्क्रतिक राष्ट्रवाद के नामपर 50000 मस्जिदों के मंदिर होने के दावा मुल्क को कहा ले जाकर खड़ा करेगा बताये दावेदार?

लखनऊ।मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने मुल्क के मौजूदा हालात में आस्थाओं के टकराव और देश भर के 50 हजार मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाने और उनपर दावा करने की हो रही चर्चा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे मुल्क को कहा ले जाकर खड़ा करेगा इस पर मुल्क के प्रधानमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री को अपना मौन तोड़ना चाहिये और देश को भरोसा देना चाहिए कि किसी के साथ गलत नही होगा। देश के संविधान,कानून के साथ सभी नागरिकों की धार्मिक आस्था का संरक्षण सहित मुस्लिम समुदाय के इबादतगाहों की प्रकृति व चरित्र में संसोधन नही किया जाएगा यह भरोसा सरकार को आगे आकर देना चाहिये।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मोइन अहमद खान ने बोर्ड की तरफ से जारी बयान में कहा कि सांस्क्रतिक राष्ट्रवाद के नामपर 50000 मस्जिदों के मंदिर होने के दावा मुल्क को कहा ले जाकर खड़ा करने की रणनीति है,इतिहास को एक चश्मे से देखने की राजनीति बंद होनी चाहिए सत्ता की महत्वाकांक्षी राजनीति को वर्तमान में खड़े होकर भविष्य की तरफ निहारना चाहिये,मुल्क का भला मंदिर-मस्जिद की राजनीति से करने की सोच का विचार सभी को अपने दिमाग से निकलने की जरूरत है।उंन्होने कहा कि विवादित मसलों का हल सनसनी फैलाकर नही सरकार को आगे आकर मध्यस्थता करनी चाहिये वह संसद द्वारा अधिनियमित अधिनियम के अंतर्गत मस्जिदों के केयर टेकर राज्यो के मुस्लिम वक़्फ़ बोर्ड व मस्जिदों के मंदिर होने के दावेदारों के मध्य इसे बातचीत कर हल कराए,

ताजमहल,कुतुबमीनार मुसलमानो की नही बल्कि राष्ट्रीय धरोहर है और भारत की धरोहर होने के साथ पुरातत्व विभाग के नियंत्रण में है ।

एमपीएलबीआई के महासचिव ने कहा कि जिस ज्ञानवापी मस्जिद से शुरू हुआ विवाद 50 हजार मस्जिदों तक पहुच रहा है और धर्म की राजनीति हो रही यह दुखद है देश के पीएम व सीएम को मौन तोड़ना चाहिए।

बोर्ड ने उत्तरप्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड से भी कहा है वह मस्जिदों के संरक्षण व अपनी इबादतगाह होने का कानूनी दावा अच्छे अधिवक्ताओं से अदालतों में रखवाए क्योंकि कौम बेचैन है और वक़्फ़ बोर्ड निष्क्रिय नजर आ रहा वह अपनी जिम्मेदारी को निभाने में अभी तक कामयाब नही रहा है।बोर्ड ने आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील करते हुए सरकार से संविधान कानून के अंतर्गत मुस्लिम समुदाय की इबादतगाहों के संरक्षण की मांग करते हुए कहा कि उसका काम समाधान होना चाहिये ।बोर्ड ज्ञानवापी मस्जिद सहित अन्य इबादतगाहों के मसले पर देशभर के पदाधिकारियों बुद्धजीवियों,स्कालर्स व इतिहासकारो से इस सम्बंध में वर्च्युअल मीटिंग की तैयारी कर रहा है।

Next Story