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Rahul Gandhi Membership: राहुल गांधी की सदस्यता के बाद शूर्पणखा का मामला हुआ तेज, तो क्या होगा अगला कांग्रेस का अगला कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सरनेम को लेकर मानहानि के मामले में कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाने और राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दिए जाने से आक्रोशित विभिन्न विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की है।
राहुल गांधी के मानहानि प्रकरण में सूरत के सेशन कोर्ट द्वारा 2 साल की सजा सुनाई जाने के मामले को लेकर विभिन्न राजनीतिक संगठनों ने जबरदस्त विरोध व्यक्त किया है इसको लेकर कल शाम को जहां सपा नेता अखिलेश यादव और आम पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा राहुल गांधी के समर्थन में वक्तव्य जारी किए थे वही आज दिल्ली में केंद्र पर सीबीआई और ई डी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। अब इस मामले में अदालत 5 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
देश के एक दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों ने केद्र सरकार पर सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग लगाते हुए अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।इस याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर गाइडलाइंस बनाए।
इन सभी दलों का कहना है कि लोकतंत्र खतरे में है और केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है,कुछ दिन पहले ही विपक्ष के नेताओं ने लगातार गैर-बीजेपी सियासी दलों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के एक्शन को कटघरे में खड़ा किया था।विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर सीबीआई और ई डी के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है।
रेणुका चौधरी ने उठाया सूरपंखा का मामला
पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की तरफ इशारा करते हुए उन्हें स्तरहीन बताया और कहा कि उन्होंने मुझे सदन में शूर्पणखा बताया। रेणुका चौधरी ने लिखा कि वह प्रधानमंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज साल 2018 में सदन में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने रेणुका चौधरी की हंसी पर तंज कसा था और परोक्ष रूप से उनकी हंसी की तुलना रामायण की प्रमुख चरित्र शूर्पणखा से कर दी थी। कुल मिलाकर राहुल गांधी प्रकरण मैं अब विपक्षी दल भी फ्रंट पर आकर राहुल का बचाव करने में जुटे हुए हैं।
जिसका अंदाजा यह भी लगाया जा सकता है कि भविष्य में भी उन पर राजनीतिक कारणों की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो !इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट कोई गाइडलाइन जारी करें। कांग्रेस भी अपने स्तर पर पूरे प्रकरण का विरोध करने में जुटी हुई है तो भाजपा का ओबीसी प्रकोष्ठ भी पूरे देश भर में जिला स्तर पर पत्रकार वार्ता कर राहुल गांधी के मामले में लोगों को अपना संदेश देगा। देखने वाली बात यह होगी कि आगे चलकर यह मामला किस मोड़ पर जाकर रुकता है!