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मोदी के शरद पवार से मिलते ही शिवसेना में मची खलबली, विधायक कपड़े और आधार कार्ड लेकर बुलाये
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीते कई दिनों से परेशान शिवसेना की चिंताएं बुधवार को तब और बढ़ गईं, जब एनसीपी के चीफ शरद पवार अप्रत्याशित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बीजेपी और एनसीपी के बीच किसी तरह की सांठगांठ की चर्चाओं के बीच शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरने ने पार्टी के सभी 56 विधायकों को अपने आवास 'मातोश्री' पर 5 दिन के लिए बुलाया है।
यही नहीं विधायकों को अपने आईडी कार्ड या आधार कार्ड लेकर आने के लिए कहा गया है। विधायकों को 22 नवंबर को बुलाया गया है। शिवसेना के विधायक अब्दुल सत्तार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि हमें 2 या 3 दिन तक रुकना होगा और इस बीच सरकार गठन का फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री जरूर बनेंगे।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी के ऐक्टिव होने और शरद पवार के पीएम से मुलाकात के बाद शिवसेना को अपने विधायकों के टूटने का डर है। हालांकि इस बीच टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक खबर है कि शिवसेना के साथ गठबंधन के लिए कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी ने मंजूरी दे दी है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल के साथ मीटिंग के बाद यह फैसला लिया। यही नहीं इसके बाद एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं की भी दिल्ली में मीटिंग होने वाली है। इस मीटिंग के बाद संजय राउत के शरद पवार से एक बार फिर से मुलाकात होगी। शिवसेना के सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद अब जल्दी ही सरकार गठन का फैसला ले लिया जाएगा।
सरकार के प्लान में कोई चूक नहीं चाहते उद्धव
ऐसे में इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस से मंजूरी मिलने के बाद उद्धव ठाकरे शायद किसी तरह की चूक नहीं चाहते हैं। इसलिए उन्होंने सरकार गठन पर कोई अंतिम फैसला होने तक विधायकों को एक जगह पर जुटने का आदेश दिया। इसके अलावा आईडी के साथ इसलिए बुलाया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर विधायकों को राज्यपाल के समक्ष पेश किया जा सके।