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UP Election: CM योगी और अरविंद केजरीवाल के बीच ट्विटर पर छिड़ी जंग, 'सुनो केजरीवाल..सुनो योगी'......

Arun Mishra
8 Feb 2022 5:56 AM GMT
UP Election: CM योगी और अरविंद केजरीवाल के बीच ट्विटर पर छिड़ी जंग, सुनो केजरीवाल..सुनो योगी......
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देश की राजनीति के दो बड़े चेहरों योगी और केजरीवाल के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग देखने को मिली।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election) को लेकर राजनीति चरम पर है और देश की राजनीति के दो बड़े चेहरों योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बीच सोशल ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर जंग छिड़ गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक के बाद एक ट्वीट कर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला था और उसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उसी अंदाज में जवाब दिया. वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस भी कूद गई है और कहा कि दोनों को जनता की कोई फिक्र नहीं है.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि सुनो केजरीवाल झूठ बोलने में माहिर हैं और जब पूरा देश आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा था, तब केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों को दिल्ली से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.

"सुनो केजरीवाल,

जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया. छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया. आपको मानवताद्रोही कहें या…

वहीं सीएम योगी के ट्वीट के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा,

'सुनो योगी,

आप तो रहने ही दो. जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके मैगज़ीन में अपनी झूठी वाहवाही के विज्ञापन दे रहे थे. आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा.'

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बोले

संजय सिंह ने सीएम योगी की भाषा पर उठाए सवाल

इसके बाद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भाषा पर सवाल उठाते हुए लिखा 'सुनो आदित्यनाथ, क्या आपको नहीं लगता कि आपकी भाषा मुख्यमंत्री की बजाय चौराहा छापे के नेता की है?

कांग्रेस की योगी-केजरीवाल विवाद में कूदी

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच छिड़े ट्वीटर विवाद में कांग्रेस ने भी निशाना साधा. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा, 'सुनो योगी-केजरीवाल, तुम दोनों ये नूरा कुश्ती करके देश को बेवकूफ न बनाओ. सच तो ये है कि जनता की दोनों को कोई फिक्र नहीं. दोनों ही नागपुर वालों के "Arvind Now" और "Yogi Now" हो.'

केजरीवाल ने पीएम मोदी को बताया झूठा

वहीं इस विवाद से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में दिए बयान पर पलटवार किया. उन्होंने पीएम के उस बयान को झूठ करार दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली सरकार ने लोगों को दिल्ली छोड़ने को कहा था.

वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार ने भी दोनों के बीच हुए 'सुनो' के बीच उन्होंने फेसबुक पर लिखा है 'ट्विटर पर 'सुनो युद्ध' छिड़ गया है, योगी और केजरीवाल के बीच

यूपी के मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को सुनो केजरीवाल संबोधित किया है। निश्चित रुप से यह भाषा उचित नहीं है। क्या प्रधानमंत्री जो खुद को लोकतंत्र और संघवाद का चिंतक बताते हैं, इस भाषा पर एतराज़ ज़ाहिर कर पाएँगे? नहीं कर पाएँगे। उन्हें लगता है कि बिना यह सब किए स्टेंट्समैन बन जाया जाता है।

योगी जी की भाषा निश्चित रुप से तीन तीन बार मुख्यमंत्री चुने गए संवैधानिक व्यक्ति को बुरी लग सकती थी। अब उन्होंने भी सुनो योगी कह कर संबोधित कर दिया है। इसके अलावा केजरीवाल के पास क्या विकल्प था? अपने सम्मान की रक्षा में लिख गए। नहीं लिखते तो अच्छा ही रहता मगर योगी जी बताएँ कि इस भाषा में संबोधित करने का ख़्याल कहाँ से आया?

क्या यह बीजेपी की सामूहिक रणनीति का हिस्सा है ताकि गर्मी वाला विवाद पैदा हो और बहस छिड़ जाए। वैसे योगी जी ने सुनो उद्धव नहीं कहा। अब इस एंगल से देखेंगे तो खेल समझ आएगा। क्या उनकी नज़र में केजरीवाल हल्के हैं जो उन्हें इस भाषा से निशाना बनाया गया है? एक ही बात के लिए सुनो उद्धव नहीं , सुनो शरद पवार नहीं, लेकिन सुनो केजरीवाल!

प्रधानमंत्री ने देश और योग को बदनाम करने के नाम पर विपक्ष पर हमला बोला। क्या इसलिए किया गया क्योंकि पश्चिम यूपी में मतदान क़रीब आ गया है और माहौल में गर्मी नहीं आ सकी है? भाषण में जोश नहीं आ रहा और कार्यकर्ता ठंडा पड़ा हुआ है। क्या उसमें जोश पैदा करने के लिए नेतृत्व पर हमला या विपक्ष पर हमला जैसा जाल बुना गया है?

पहले चरण में पश्चिम यूपी में जिस तरह के संयम का परिचय दिया है उसकी तारीफ़ की जानी चाहिए। पश्चिम किसी को वोट करें लेकिन वोट से पहले हिन्दू मुस्लिम मैच

को ठुकरा दिया है। इसमें बड़ा योगदान राकेश टिकैत का है।

अब टिकैत से हार कर बीजेपी तरकश से एक और पुराना तीर निकाल रही है। मोदी बनाम शेष का तीर। कमाल है लेकिन ये मैच क्या सुनो केजरीवाल बनाम सुनो योगी के रुप में खेला जाएगा।

सुनो जनता, यह बहुत दुखद है

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