राष्ट्रीय

एक विधेयक एमएसपी के लिए क्यों नहीं?

Shiv Kumar Mishra
25 Sep 2020 3:36 AM GMT
एक विधेयक एमएसपी के लिए क्यों नहीं?
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार कहा है कि 1) वे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कभी खत्म नहीं होने देंगे 2) वे किसानों की कमाई 2022 तक दुगनी कर देंगे। बहुत अच्छी बात है। इन आश्वासनों को पांच पैराग्राफ के एक विधेयक द्वारा निश्चित करने से उन्हें कौन रोक रहा है? बाकी तीन बिलों से अलग, यह बिल आमराय से पास होगा।

विधेयक का आशय होगा: एमएसपी (स्वामीनाथन फॉर्मूला, जिसका भाजपा ने 2014 में वादा किया था) की गारंटी है। कोई भी बड़ा व्यापारी, कॉरपोरेशन या कोई 'नया खरीदार' एमएसपी से कम कीमत में सामान नहीं खरीद सकेंगा। साथ ही इस बात की गारंटी हो कि फसल खरीदी जाएगी ताकि एमएसपी मज़ाक ना बन जाये।

अंत में - बिल के जरिए किसानों के कर्ज को खारिज कर दिया जाए। जब किसान कर्ज में डूबे हैं तो ऐसा किए बिना किसानों की कमाई 2022 या 2032 तक भी दुगनी नहीं हो सकती। जब एमएसपी और किसानों की कमाई दूनी करने प्रधानमंत्री का वादा हो, तो उस बिल का कौन विरोध करेगा?

तीन कृषि विधेयकों को जिस तरह जबरन पास कराया गया, उसके विपरीत इस बिल को, जिसमे एमएसपी और कर्ज ख़ारिज करने की गारंटी हो, प्रधानमंत्री आसानी से पास होते देखेंगे। संसद में इसको लेकर ना घमासान होगा और ना ही जबरदस्ती करनी पड़ेगी।

और चूंकि इस सरकार ने वैसे भी राज्य विषय - कृषि - पर अतिक्रमण किया है तो उसे इस विधेयक को पास कराने से रोकने का क्या कारण होगा? निश्चित रूप से संघीय संरचना और राज्यों के अधिकार का सम्मान कारण नहीं है। इसके लिए जो पैसा चाहिए वो तो वैसे भी केंद्र के पास ही है।

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