चंडीगढ़

अभी अभी पंजाब में 50 घरों की छत उड़ीं, पेड़ गिरे, मलबे में दबे लोग, BSF जवानों ने संभाला मोर्चा

Shiv Kumar Mishra
24 March 2023 1:37 PM GMT
अभी अभी पंजाब में 50 घरों की छत उड़ीं, पेड़ गिरे, मलबे में दबे लोग, BSF जवानों ने संभाला मोर्चा
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पंजाब के अबोहर जिले में शुक्रवार को कुछ ऐसा नजारा दिखा की लोग हैरान हो गए। यहां के खुईयां सरवर ब्लॉक के गांव बकैनवाला में बवंडर ने बड़ी तबाही मचाई है। यहां बवंडर ने लगभग 50 घरों को भारी नुकसान पहुंचाया है। कई लोग मलबे में दब गए। उन्हें ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला और सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया।

मलबे में दबने वालों की पहचान रतन सिंह, सोहन सिंह, बिमला रानी और महिंदर सिंह के रूप में हुई है। यह सभी लोग अबोहर के सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन हैं। वहीं किन्नू के बाग उखड़ गए। कई जगह दीवारें भी टूट गईं। बवंडर से लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी नुकसान का जायजा लेने गांव पहुंचे।


गांव के सरपंच सुखदेव सिंह ने बताया कि बवंडर से 50 घरों को नुकसान हुआ है। अधिकांश घरों की छत उखड़ गई हैं। घरों में खड़े पेड़ गिरने से मकानों को भारी क्षति हुई है। वहीं कई लोग मलबे में दब गए। जिन्हें बड़ी मुश्किल से बाहर निकाल कर अस्पताल में दाखिल करवाया गया।

लाभ सिंह मिस्त्री के पालतू पशु भी मलबे में दबकर घायल हुए हैं। बड़ी संख्या में पेड़ गिरने से सड़कों पर यातायात ठप हो गया। पता चलते ही सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने गांव में पहुंच कर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। जवानों ने गिरे पेड़ों को काटकर रास्ता बहाल करवाया। इसी प्रकार से किन्नू के बागों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।


बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

उधर, गुरुवार देर रात और शुक्रवार दोपहर बाद पूरे पंजाब में बारिश हुई। अबोहर के गांव वरियामखेड़ा, शेरगढ़, पटी सदीक, शेरेवाला, खाटवां, भागसर, खैरपुर, कुलार और राजपुरा में भारी ओलावृष्टि की सूचना है। इससे गेहूं की फसल और किन्नू के बागों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं फाजिल्का में बरसात के साथ ही ओलावृष्टि की भी सूचना मिली है। इससे गेहूं की फसल खेतों में ही गिर गई। वहीं मौसम विभाग ने सप्ताहांत तक बादल छाए रहने और हल्की से भारी बरसात की संभावना जताई है। फिरोजपुर और ममदोट में तेज बारिश व हवाओं के चलने से गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है। किसानों का कहना है कि फसल जमीन पर बिछने के कारण पैदावार कम होगी।




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