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इंडस्ट्री की सरकारी जमीन पर ईओ ने रखवाए गंदगी वाले कूड़ेदान मचा हाहाकार

इंडस्ट्री की सरकारी जमीन पर ईओ ने रखवाए गंदगी वाले कूड़ेदान मचा हाहाकार
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इंडस्ट्री की सरकारी जमीन, फिरोजपुर ब्रेकिंग न्यूज , फिरोजपुर ताजा समाचार , फिरोजपुर समाचार , कूड़े के ढेर पर जिन्दगी
फ़िरोज़पुर एच एम त्रिखा ब्यूरो चीफ पंजाब

फ़िरोज़पुर के इंडस्ट्री एरिया में नगरपालिका के द्वारा गंदगी फ़ैलाने वाले कूड़ेदान रख कर इलाके को प्रदूषित किये जाने की खबरें हैं. जिस कारण इंडस्ट्री के जीएम समेत इंडस्ट्री के कारोबारियों व यहाँ के भीड़ भरे इलाके में से गुजर रही जनता में भारी रोष व्याप्त है. इसका सबसे बड़ा कारण रोष व गुस्से का लोगो में ये है कि इंडस्ट्री की सरकारी जमीन का दुरूपयोग नगरपालिका का एक उच्च अधिकारी बेखौफ हो कर कर रहा है और दूसरे सरकारी महकमे की जमीन के अंदर तक जा कर गंदगी फैलाई जा रही है. नगरपालिका के ईओ गंदगी के कूड़ेदान की ढेरों शिकायतें मिलने के बावजूद आपने तानाशाही रवैये को अख्तियार किए हैं. गंदगी फैला रहे कूड़ेदान को यहाँ से हटाने के लिए अभी भी टालमटोल नीति अपना रहें हैं.



जी एम इंडस्ट्री गुरजंट सिंह ने स्पैशल कवरेज न्यूज के ब्यूरो चीफ पंजाब एच एम त्रिखा को विशेष भेंट कर बताया की जमीन इंडस्ट्री की है और इसके ऊपर जबरन गंदगी के कूड़ेदान नगर पालिका के अधिकारी रखवा रहें हैं. हमारे यहाँ दर्जनों इंडस्ट्री के कारोबारी अपने कामधंधे कर रहे हैं. हमारी इंडस्ट्री की सड़क के ऊपर गंदगी है. कूड़ेदान हैं, सब अवैध तौर पर रखा , मेरा खुद का आफिस यही है. इलाके में बदबू के कारण यहाँ से निकलना भी मुहाल है.ईओ समेत पूरे प्रशासन को अनेकों बार कूड़े के ढेरों की व कूड़ेदान हटाने की शिकायत की है. लेकिन मामला जस का तस है.




मामले पर बोलते लाइफ चेरिटेबल संस्था के कर्ता धर्ता धर्म पाल बंसल बोले की हमारी संस्था यहाँ फूलों वाले पेड़ पौधे लगा रही है. लेकिन दूसरी तरफ नगरपालिका के ईओ की बदौलत इंडस्ट्री एरिया आज कूड़े के ढेरों पर खड़ा दिखाई दे रहा है. उन्होंने प्रशासन के उच्च अफसरों से मांग की कि इंडस्ट्री कि निजी सरकारी जमीन के ऊपर कारोबार फल फूल सके इस लिए यहाँ से कूड़ेदान हटाए जाएँ.


दूसरी तरफ ईओ नगरपालिका सफाई देते बोले कि मैं फौरन यहाँ से कूड़ेदान कहाँ ले जाऊं. हल निकालूंगा.लेकिन ईओ मामले पर खबर लिखे जाने तक कूड़ेदान को हटाने सबंधी कोई भी हल नहीं निकाल पाए.
बड़ा सवाल ये है कि एक सरकारी अफसर ने अपने निजी अधिकारों का इस्तेमाल कर किसी अन्य सरकारी महकमें कि जमीन पर आखिर किस कानून के तहत कूड़ेदान रखे हैं जब कि जी एम इंडस्ट्री ने कभी नगरपालिका को अपनी जमीन इस्तेमाल करने को नहीं बोला और ये जमीन इंडस्ट्री के कारोबारियों को ही दी जाती है फिर यहाँ कूड़ेदान कैसे ?
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