पंजाब

भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार IAS संजय पोपली के बेटे ने विजिलेंस टीम के सामने खुद को मारी गोली! मां ने विजिलेंस टीम पर लगाए ये आरोप

Arun Mishra
25 Jun 2022 10:33 AM GMT
भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार IAS संजय पोपली के बेटे ने विजिलेंस टीम के सामने खुद को मारी गोली! मां ने विजिलेंस टीम पर लगाए ये आरोप
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पुलिस को सूचना मिली थी कि कार्तिक ने गोली मारकर आत्महत्या की है।

भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पंजाब के आईएएस अधिकारी संजय पोपली के बेटे कार्तिक पोपली (26) की शनिवार को चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। कार्तिक के सिर में गोली लगी है। कार्तिक को 7.62 एमएम की गोली लगी है।

पुलिस को सूचना मिली थी कि कार्तिक ने गोली मारकर आत्महत्या की है। वहीं कार्तिक की मां ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को विजिलेंस टॉर्चर करती थी। विजिलेंस के मुलाजिमों ने ही बेटे को गोली मारी है। उन्होंने कहा कि ये लोग हमारे साथ ऐसे कर सकते हैं तो आम जनता के साथ क्या कर सकते हैं। वहीं पुलिस ने उनके सभी आरोपों का खंडन किया है। पुलिस ने कहा कि पोपली के बेटे ने लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारी है। पिस्टल सील कर दिया गया है।

पंजाब विजिलेंट टीम ने आइएएस अधिकारी संजय पोपली को भ्रष्टाचार मामले में बीते हफ्ते चंडीगढ़ से ही गिरफ्तार किया था। उसके बाद से उसके खिलाफ विजिलेंस टीम जांच कर रही थी। शनिवार को विजिलेंस टीम जांच के लिए सेक्टर-11ए स्थित पोपली की कोठी नंबर 520 में पहुंची थी। विजिलेंस टीम संजय पोपली को भी साथ लेकर आई थी। इसके बाद उसे यहां से मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए लेकर जाना था। इस दौरान कार्तिक पोपली ने खुद को शूट कर लिया। कार्तिक ने रिवाल्वर से अपनी कनपट्टी पर गोली मारी है। उसे इलाज के लिए गंभीर हालत में पीजीआइ ले जाया गया था, लेकिन पीजीआइ के एडवांस ट्रामा सेंटर में डाक्टरों ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया है।

कार्तिक की कुछ समय पहले ही शादी हुई थी और वह लॉ का स्टूडेंट था। कार्तिक फिलहाल आईएएस की तैयारी कर रहा था। सूचना मिलते ही एसएसपी कुलदीप चहल सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।

2008 बैच के सीनियर आईएएस संजय पोपली को ठेकेदार से रिश्वत मांगने के मामले में कुछ दिन पहले पंजाब विजलेंस ने उनके सेक्टर 11 चंडीगढ़ स्थित घर से गिरफ्तार किया था। करनाल निवासी एक ठेकेदार ने पोपली के खिलाफ एंटी करप्शन हेल्पलाइन पर शिकायत दी थी। उनका आरोप था कि अधिकारी बिलों को क्लियर करने की एवज में एक फीसदी रिश्वत मांग रहे थे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय नवांशहर में सात करोड़ रुपये की सीवरेज परियोजना शुरू की गई थी।

इसमें वह एक प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे। ठेकेदार ने 12 जनवरी को आईएएस अधिकारी के सचिव के रूप में तैनात अधीक्षक स्तर के अधिकारी संजीव वत्स के माध्यम से 3.5 लाख रुपये का भुगतान किया। विजिलेंस ने दावा किया कि पोपली ठेकेदार से शेष 3.5 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने फोन कॉल रिकॉर्ड किया और भ्रष्टाचार रोधी हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। पोपली ने पहले जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड का नेतृत्व किया था।


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