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रोडरेज केस में नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी राहत, गैर इरादतन हत्या के मामले में सुप्रीम काेर्ट ने किया बरी
नई दिल्ली : पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 30 साल पुराने रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने उनको इस मामले में महज एक हजार जुर्माना लगाकर छोड़ दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा सुनाई गई तीन साल की कैद की सजा को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को मारपीट का दोषी तो करार दिया, लेकिन गैर इरादतन हत्या के अारोप से बरी कर दिया. इस तरह सिद्धू को अपनी राजनीतिक पारी में बड़ा जीवनदान मिला है.
सिद्धू को आईपीसी की धारा 323 के तहत दोषी माना है. वहीं आईपीसी की धारा 304 के तहत दर्ज केस से उनको बरी कर दिया गया है. धारा 323 के तहत किसी के साथ मारपीट करके जख्मी करने और धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का केस चलता है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसी पर आज फैसला आया है. 27 दिसंबर 1988 को पटियाला में सड़क पर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से बहस के बाद मुक्का मारने से उनकी मौत हो गई थी, जिसका आरोप सिद्धू पर लगा था. फिलहाल उनकी सजा पर रोक है और केस की सुनवाई जारी है.